बहुत सी बाते बची हुई है
जरा वक्त मिलें तो आना तुम
कुछ गाने भी मेने लिखे हुए है
उन्हे साथ में मेरे गाना तुम
और आओ तो कुछ ऐसे आना
की कुछ वक्त तो मेरे साथ रुको
सब खबर मांगते है तुम्हारी
कुछ वक्त तो मेरे साथ दिखो
पता है तुम मसरूफ बहुत हो
वक्त का खर्चा कम करती हो
जो लगे न तुमको लायक फिर
उस वक्त का बिल न तुम भर्ती हो
पर मैंने भी तो देख भाल के
बड़ी मेहनत से समय बचाया है
कुछ देर के लिए ही आ जाना
तुम्हारी पसंद का खाना बनाया है-
Zarurat se zyada izzat or hadd se zyada time kya de diya
logo ne to gira hua hi samajh liya 😑-
Log burre thodi na hote hai ...
achche logon par bas burra waqt aa jaata hai-
जितने एहसास है मेरे अंदर तुम्हारे लिए
उतने तो शब्द भी नहीं होते किताबों में-
मांगा था जिसे उसे ही हमने
खो दिया देख कर
उसकी पुरानी तस्वीर
दिल आज फिर से रो दिया...-
शायद
वो पूछते है तुम्हें किससे इश्क़ है ? मैं कहता हूँ किसी से नही, वो कहते है फिर किससे इश्क़ था ?
मैं कहता हूँ शायद किसी से नही, उनका सवाल होता है ऐसा क्यूँ ? मैं कहता हूँ पता नही मुझको,
वो जब आखें बंद करते है ना, तो उसकी शकल दिखनी चाहिए, ज़हन में बस एक नाम होना चाहिए, अब ऐसा नही है तो क्या कहूँ। तो मतलब पहले किसी से इश्क़ था ? जी; कभी एक शकल दिखा करती थी, एक नाम ही बस हुआ करता था,
पर वक़्त ने शकलें बदल दी, हालात ने नाम अक्सर बदल दिये,कोई नाम कुछ दिन था, कोई शकल कुछ साल थी,शायद पिछला आख़री इश्क़ था,
तो क्या जनाब आपको सबसे इश्क़ था?
जी शायद।
आप शायद बड़ा बोलते है,
जी शायर हूँ शायद।-
कुछ तो जादू सा है तुम में,वरना हम ऐसे कभी खींचे चले न आते,ये आँखें जब बंद भी होती हैं, अक्सर तुम्हारे ही ख़यालों में खोई होती हैं, हलका सा भी अगर तुम दूर हो जाती हो,तो ये समय भी थम जाता है,मौका देता है उस खोए हुए पल से तुम्हें वापिस लाने को,ये ठंडी हवाएं ही तो एक सहारा है जिस के चलने से तुम्हारी मौजूदगी का पता चलता है कि तुम भी साथ हो,इतनी सी बात ही दिल को सुकून दे देती है,बहुत कोशिश करी तुम्हे भूलने की, तुम्हारे साथ बिताए हुए हर एक पल को भूलना चाहा,पर उगते सूरज की तरह जब तुम्हारी किरणें मुझ पे पड़ती हैं, तो बस आँखों के सामने तुम ही दिखती हो,तुम्हारी आदत सी हो गई है, जिसे छोड़ना मुश्किल सा लगता है,जितना दूर जाने कि कोशिश करी,तुम उतना ही करीब आ जाती हो,और ये दूरियों और नज़दीकियों का सिलसिला चला रहता है,जिसमे हमेशा मेरी ही हार होती है,⠀
पर वो हार भी जीत सी लगती है,बस इतना सा ही ये मोह है,ये दिल कि ज़ुबान कभी शब्दों⠀
में बयान न हो पाई,अब भी कुछ बातें ऐसी हैं ⠀
जो बस दिल में ही रह गई,इन आँखों ने बताना तो चाहा,पर शायद तुम समझ नहीं पाई-