N. Panghal  
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Joined 22 August 2019


Joined 22 August 2019
3 NOV 2021 AT 19:22

इतनी जल्दी हार नही मान सकते,
अभी तो बहुत चलना बाकी है।

हमारे सपनों का अभी,
हकीकत में ढलना बाकी है।

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5 SEP 2019 AT 16:51

बंद आँखों से भी तेरा ही दीदार करती हूँ,
सुबह से श्याम तेरा ही इंतज़ार करती हूँ,
तुझे चाहती हूँ मैं आज ये इकरार करती हूँ,
अगर ये गुनाह है तो भी बार बार करती हूँ।😌

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15 NOV 2021 AT 16:49

एक ख़्वाब है
जिसे हक़ीकत बना
मैं उसमें खो जाऊँ,

तू मेरे पास हो
मैं तेरे कांधे पर सर रखू
और सो जाउँ।

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15 NOV 2021 AT 0:03

कभी तो साथ होंगे हम,
सोचो, कितना हसीन नज़ारा होगा।

दुनिया की नज़रों से चुरा लेंगे उसे,
सुनो, वो लम्हा सिर्फ़ हमारा होगा।

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19 OCT 2021 AT 11:11

शब्द कम पड़ जाते हैं, जब हम तुमसे इक़रार करते हैं,
बताओ अब कैसे समझाए, तुम्हे कितना प्यार करते हैं।

सुनो, लफ़्ज़ों से प्यार की गहराई का अंदाज़ा नही लगता,
तुम ही बताओ, क्या हमारी हर सांस में तुम्हें अपना साझा नही लगता?

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28 AUG 2021 AT 20:57

एक सपना है जो मुझे रोज़ आता है,
जिसमें मेरा प्यार मुझसे दूर हो जाता है।

ये मंज़र देख, दिल बहुत घबराता है,
ये महज़ एक सपना है, मगर यक़ीन मानो.. बहुत रुलाता है।

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27 AUG 2021 AT 10:26

जिंदगी, एक किताब है,
मानो तो कांटे, मानो तो गुलाब है,
हर सवाल से जुड़ा एक जवाब है,
जो जी लिया इसे उसको आदाब है।

असल रूप में यही महताब है,
ये उसी की है जो इसमे रंग भरने को बेताब है,
खुदा का तौफा लाज़वाब है,
एक नूर से भरा आफ़ताब है।

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17 MAR 2021 AT 20:07

महोब्बत आज़माती है,
नजाने कब हो जाती है,
बिन बात मुस्कुराती है,
रातों में बहुत रुलाती है,
क्यों इतना सताती है,

महोब्बत आज़माती है,
जो चाहे वो करवाती है,
लाख बहाने बनाती है,
लेकिन एक यही तो है ,
जो ज़िन्दगी को महकती है।

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7 MAR 2021 AT 23:48

रात की महफ़िल में आज कुछ यादें आई हैं,
आँखों के झरोखों की आँसूओं से दोस्ती करवाई है,
लबों पर जैसे एक गहरी रुसवाई है,
तड़पते दिल ने भी एक आवाज़ लगाई है|

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28 FEB 2021 AT 23:50

खुली आँखों से अब तुम नज़र नही आते,
शायद इसीलिए आजकल ज्यादा सोने लगी हूँ,

हालात कुछ यूं हैं सपनों में भी रो देती हूँ,
जब देखती हूँ कि मैं तुमसे दूर होने लगी हूँ।

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