N.P. Idrish   (©N.P. Idrish)
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Joined 28 May 2018


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Joined 28 May 2018
3 JUL 2024 AT 15:21

जहाँ काबिलियत होती है वहाँ चमचागिरी की जरूरत नहीं पड़ती, जहाँ चमचागिरी होती है वहाँ काबिलियत नहीं होती। लोग आपसे इसलिए भी जलते हैं क्योंकि वे आपकी काबिलियत का मुकाबला नहीं कर सकते। सिर्फ चमचागिरी और फेवरटिज़्म के बेस पर आगे बढ़ते हैं।

ऐसे लोग हर जगह पाए जाते हैं - स्कूल, कॉलेज, ऑफिस, और घर में। ये लोग फेवरेट बनकर सबकी काटते हैं और फेवरटिज़्म के आधार पर आगे बढ़ते हैं।

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1 JUL 2024 AT 20:45

सीता यूंही नही धरती की कोख में समाई होगी,
पवित्र होने की अग्नि परीक्षा देकर भी वो कहा पवित्र कहलाई होगी,
उसके पवित्र होने का सबूत था अग्नि से उसका बच जाना,
उसका दामन पाक है ये समाज फिर भी नही माना।

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1 JUL 2024 AT 20:42

तुमसे मिलने की आस बाकी है ।

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14 SEP 2021 AT 10:43

अक्सर हिंदी बोलने और लेखनी या विषय मे चुनने वाले को ग्वार समझा जाता है , और मुझे गर्व है मैं एक ग्वार हूँ ।।

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20 APR 2021 AT 16:58

एक लेखक वो होता है जो शोर को भी शांति से सुन पाता है, अकेले में भी खुद को शोर से भर जाता है।।

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1 MAR 2021 AT 21:26

जिस दिन मैंने तुम्हारा तुमसे मोह त्यागा,
उस दिन मुझे तुमसे रूहानी मोहब्बत हुई !

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1 MAR 2021 AT 17:56

तुम्हारा होना काफी है मेरे होने के लिए !

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17 JAN 2021 AT 19:29

Jo bichhde ham kabhi ...
Tum ban jana mere mathe ki bindi,
or mai ban jaungi batan tumhari shirt ka ...

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17 JAN 2021 AT 11:22

जब नाराजगी अपनों से होती है ,,,

मैं अक्सर चिल्लाने की जगह रो देती हूँ..।

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15 JAN 2021 AT 13:28

तेरी हर रज़ा में मैं राजी ,

जो देगा तू वो बेहतर से भी कही बेहतरीन होगा !

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