जब एक रिश्ते में बंधे हुए,
लोगों के बीच में दूरियां बढ़ने लगती है,
तब खालीपन उनकी ज़िंदगी में जगह ले लेता है,
और समय के साथ-साथ उनके रिश्ते में
दूरियां बढ़ती ही चली जाती है,
जिसका एहसास दोनों में से एक व्यक्ति को हो जाता है।
परंतु एक इंसान अपने रिश्ते को कैसा बचा सकता है?
जब रिश्ता दोनों का होता है,
तो उसे बचाने के लिए एक ही व्यक्ति कोशिश क्यों करे?
रिश्ता बचाने के लिए दोनों को ही मेहनत करनी पड़ती है,
तब जाकर उनका रिश्ता मजबूत होता है।
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I write 📜 to express 🙌 not 🙅 to impress 🙏
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ले चलो,
मुझे उस पार जहां से कोई मुझे देख नहीं पाए,
ना सुन पाए,
और ना ही मुझे छू पाए,
मुझे उस दुनियां में जाना है,
जहां से मुझे इन सब चीजों से छुटकारा मिल जाए,
अब मुझसे ये सब बर्दाश्त नहीं हो रहा,
जल्द ही आप मुझे भगवान इस दुनिया से
कही दूर ले जाईए,
अब मेरे लिए यहां रहना,
बहुत मुश्किल होता जा रहा है।-
लोगों के लिए कितना भी कर दो,
लेकिन वो अंत में यहीं बोलेंगे,
इसने मेरे लिए क्या ही किया है?
किसी के लिए आप जान भी दे देंगे,
तभी वह लोग यहीं बोलेंगे,
उसने मेरे लिए क्या ही किया है?-
इंसान की ज़िंदगी में जब खालीपन जगह ले लेता है,
तब वह एक ज़िंदा लाश के अलावा
कुछ और नहीं रहता,
जिसमें चाहकर भी आप जान
नहीं डाल सकते।-
प्रेमी-प्रेमिका बनना,
तो आसान है,
लेकिन जब वह दोनों शादी के बाद
पति-पत्नी बनते है,
तो उन के रिश्ते में वह पहले जैसी
बात नहीं रहती,
जब वह प्रेमी-प्रेमिका रहते है,
तो उन दोनों में बहुत प्यार होता है,
मगर असली कहानी तब शुरू होती है,
जब उन दोनों की शादी होती है,
और तब उनके रिश्ते की असलियत
मालूम चलती है,
वो प्यार तब तक ही उन दोनों के बीच में
ज़िंदा रहता है,
जब तक वह प्यार में होते है,
जैसे ही उनकी शादी होती है,
वैसे ही दोनों का प्यार सिर्फ़ भ्रम बनकर रहे जाता है।-
One should never expect anything from others,
Because once the hope is broken so it’s only you who is hurted the most!-
ज़िंदगी में सब कुछ आसानी से नहीं मिलता,
हमें जो कुछ भी चाहिए,
उसके लिए हमें खूब मेहनत करनी पड़ती हैं,
तब जाकर हमें वो सब कुछ मिलता है,
जिसे हम पाने की कोशिश करते है।-
हर लड़की शादी से पहले सोचती है कि सुसराल
जाकर उसे उसके पति का बहुत प्यार मिलेगा,
उनके सारे सपने पूरे होंगे,
लेकिन शादी के बाद समझ में आता है,
कि पति का प्यार नहीं बल्कि जिम्मेदारी और
एडजस्टमेंट करना,
हर लड़की के नसीब में लिखा होता है।-
आसूं से भीगी आंखे बहुत कुछ बया करती है,
लेकिन उसे पता ही नहीं,
क्योंकि वह शख्स तो अपने ही खयालों में डूबा है,
उसे तो मेरी फ़िक्र ही नहीं,
फ़िक्र होगी भी क्यों उसे मेरी,
उसे तो दूसरों की बातों पर ज़्यादा ध्यान देना है,
उसके पास मेरे लिए वक्त ही कहां है?
जो वह मुझसे बात करें,
और मेरी मन की स्थिति को समझे?-
बोलने को तो वो कहते है,
मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं,
लेकिन हमें सबसे ज़्यादा दर्द भी वही देते है,
तुम यह बताओं मुझे की तुम्हें मुझसे सच में प्यार है,
या फिर तुम मुझसे प्यार करने का दिखावा करते हो,
मैं कई बार ये समझ नहीं पाती,
तुम्हें वाकई में मुझसे मोहब्बत है,
या फिर ये बस एक छलावा है,
जो तुम मेरे साथ कर रहे हो!-