N(Harsh) sahu   (Vaakyansh)
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Joined 10 October 2018


Joined 10 October 2018
14 APR 2019 AT 15:26

विश्वास

औऱ जब जा कर उसे अपना हाल बताने कि बारी आई
फिर ये दिल अचानक से बहुत कमजोर हो गया भाई

इसने फ़िर सोचा पहले उसके करीब आया जाए
उससे अपनी नजदीकी बड़ाई जाए

उसके दिल मे अपने लिए एक खास जगह बनाई जाए
उसके मन मे अपने लिए एक विश्वास जगाई जाए

पर ये दिमाग सबकुछ जान रहा था
उसके हाव भाव से उसकी आँखों से सब पहचान रहा था

पर इस दिल को तो एक बीमारी लग चुकी थीं
इसे तो उसे पाने कि चाह जाग चुकी थीं

इसे हमेशा उसके मैसेज का इंतेज़ार रहता
एक बार आ जाए तो तुरंत टाइप करें अगले का इंतेज़ार करता

फिर एक समय कि बात हैं दोनों कि होती ना कुछ समय तक बात न मुलाकात हैं
न वो मैसेज कर पाता हैं न उसका कोई आता हैं, अजीब से दोनों के होते हालात

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9 MAR 2019 AT 14:45

आदत थी रिश्तों मे,
दूध -शक्कर कि तरह घुल मिल जाने कि
पर याद ही नहीं रहा कि
ज़माना शुगर फ्री हो गया हैं

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3 NOV 2021 AT 23:42

A very Happy Birthday to you

जुबाँ से साफ़ ,रूह से पाक हो तुम
मैं एक पन्ना और पूरी क़िताब हो तुम
और जो तुमसे मिल ले वो मांगता है
फिर मिलने कि दुआ तुमसे , हाँ कुछ
इस क़दर लाज़वाब हो तुम।

You are very special and that’s why you need to float with lots of smiles on your lovely face. Happy birthday.

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23 MAY 2021 AT 22:29

सारे दर्द केवल मुझे ही होते है
या उसे भी फ़र्क पड़ता है,

इसी जवाब की तलाश मे
बहुत से जखम खाए है जनाब,

तब जाकर समझ आया मै तो
केवल मरहम बनकर रह गया
उसके जख्मों का ,

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8 MAY 2021 AT 20:32

कह देना उससे जो भी है
शायद फिर कभी मुलाक़ात हो न हो

तू वो शहर है मेरा जहाँ सुकून से मैं रहता हूँ
घूमता हूँ ,टहलता हूँ ,तुझ से अपनी
हर गम और खुशी मैं कहता हूँ।

यूँ ही बेचैन होके ,छोटा सा दिल ,मेरा क्यूं बैठ सा जाता है,
बड़ी उलझन मे सुबह हर रोज़ ,खुद को पाता है।

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7 APR 2021 AT 19:08

जब उनके शहर से हम चले जाएंगे
क्या पता उन्हें फर्क तक न पड़े

जब थे तब तो मिलना तक मुनासिब
न था उन्हें
और अब जब नही है जो तो आने कि
बात हो रही है

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17 MAR 2021 AT 12:53

न अब किसी हमसफ़र कि तलाश है
और न उस हमसफ़र को पाने की आस है

क्योंकि मेरे लिए तो मेरा भगवान ही काफी है
और उसकी आराधना ही मेरे लिए ख़ास है

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16 MAR 2021 AT 23:03

वो मेरे जज्बातों से अनजान है,
शायद इसीलिये खुश,और न परेशान है,

या फिर वो सब जान कर भी अनजान बनती है
नाम मेरा लेकर वो किसी और से बाते किया करती है

सच का तो पता नही पर सच सुनने से डरती है,
शायद मतलबी है वो मेरे लिए इसलिए मतलबी
सा इश्क़ मुझसे करती है।

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12 MAR 2021 AT 20:08

कुछ इस क़दर उसे खोने के डर से
मेरी रूह कांप जाती है,
ये फासले कभी कम न हो तो अच्छा है

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22 FEB 2021 AT 22:17

क्या बताऊँ मैं तुम्हें उसके बारे मे,
बस वक़्त के साथ अब वो भी
बदलने लगी है,
जिसकी सादगी से हुआ था मुझे
प्यार , आज कल वो किसी और के लिए
सजने सवरने लगी है....

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