मैं सिर्फ तुम्हारा प्यार नहीं चाहती
तुम्हारा गुस्सा भी चाहती हूँ।
मैं नहीं चाहती तुम मेरी हाँ में हाँ करो
मैं तुमसे बहस करना भी चाहती हूँ।
मैं चाहती हूँ तुम मना लो मुझे
मैं हक़ से तुमसे रूठना भी चाहती हूँ।
तुम बस नखरे उठा लेना मेरे
मैं तुम्हारी अकड़ संभालना भी जानती हूँ।
जो तुमको महसूस हो
मैं बो अहसास बनना भी चाहती हूँ।
जानती हूँ दूर रहना मजबूरी है तेरी
मैं हर हाल में रिश्ता निभाना भी चाहती हूँ।-
Only me when I started loving myself, stopping compare myself with others .
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प्रेम क्या है ....
किसी के प्रति समर्पण प्रेम है
बदले में कुछ पाने की उम्मीद प्रेम नहीं
किसी को खुशियां देना प्रेम है
उसके दुख की कामना प्रेम नहीं
किसी से बंधना प्रेम है
उसको बांधना प्रेम नहीं-
एक ख्वाहिश है..........
तुझसे मिलने की
तेरी आंखों में खो जाने की
तेरे साथ घंटो बिताने की
तेरा हाथ पकड़ कर घूमने की
एक ख्वाहिश है...........
तेरे साथ जिंदगी बिताने की
तुझे अपना कहने की
तेरे ग़म तेरी खुशियों में साथ रहने की
एक ख्वाहिश है............
तेरी बाहों में रहने की
तेरे कांधे पर सर रखने की
तेरे सीने से लगकर सोने की
एक ख्वाहिश है............
तुझे अपनी दुनिया बनाने की
तेरी मम्मी को मम्मी कहने की
एक ख्वाहिश है............
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थोड़े दूर हो तुम ,थोड़े दूर हैं हम
किस्मत के हाथो कितना मजबूर हैं हम
तुम्हें फुरसत नहीं अपनी जिम्मेदारियों से
कुछ परेशानियां हमारी भी हैं
पर वक्त आएगा जब करीब होगे हम
मिटा कर सारे फासले एक होगे हम ....-
हाँ, हूँ मैं थोड़ी अजीब सी, पर प्यार तुमसे करती हूँ
छोटी छोटी बातों पर रूठ जाती हूँ
फिर अपने आप ही मान जाती हूँ
पहले तुमसे लड़ती हूँ
फिर खुद ही तुम्हें मनाती हूँ
हाँ ,हूँ मैं थोड़ी अजीब सी, पर प्यार तुमसे करती हूँ
चाहकर भी कुछ कह नहीं पाती
बिन कहे ही सब समझती हूँ
कभी तेरी बातें सुनकर रोती हूँ
फिर खुद ही आंसू पोंछ लेती हूँ
हाँ, हू मैं थोड़ी अजीब सी ,पर प्यार तुमसे करती हूँ
सपनों से प्यार करती हूँ
अपनो को खोने से डरती हूँ
माना कभी तुमसे लड़ती हूँ
पर दिल से तेरे लिए दुआ करती हूँ
बात बस इतनी सी है जो हर बार तुमसे कहती हूँ
हाँ, हूँ मै थोड़ी अजीब सी ,पर प्यार तुमसे करती हूँ-
World's best feeling for a girl
When your father proudly say someone even about your small achievements.-