एक ग़म ये, ग़मों में रो नहीं पाया
एक ग़म ये, रातों को सो नहीं पाया
एक ग़म ये, किसी ने तबियत नहीं पूछी
एक ग़म ये, ग़मों को खो नहीं पाया ।।
एक बात ये, वो गैरों से जा मिला
एक बात ये, वो बैरों से जा मिला
एक बात ये, वो चैन-ए-लौ ला नहीं पाया
एक बात ये, मैं खुद को मोह नहीं पाया ।।
एक सच ये, उससे उम्दा हसरत थी
एक सच ये, वो हसरत बो नहीं पाया
एक सच ये, उसे मेरे घर से नफरत थी
एक सच ये, मैं उसका हो नहीं पाया ।।-
पहली बुक पब्लिश होने पर ।।
My first YQ book. Thanks YQ.....make my h... read more
ना किसी को सताऊंगा मैं
ना किसी को रुलाऊंगा मैं
जिंदगी एक दरिया है ..उसमें डूब जाऊंगा मैं
एक दिन सबसे दूर चला जाऊंगा मैं ।।
फिर ना याद आऊंगा मैं
ना कोई साथ चाहूंगा मैं
सांसें किश्तों पे चलती हैं ..सारी किश्तें चुकाऊंगा मैं
एक दिन सबसे दूर चला जाऊंगा मैं ।।
किसी परदेश बस जाऊंगा मैं
तारे सा टीम टीमाऊंगा मैं
फिर किसी के सपनों में आके ..नींद से जगाऊंगा मैं
एक दिन सबसे दूर चला जाऊंगा मैं ।।
सारे गम भुलाऊंगा मैं
सब पर मुस्कुराऊंगा मैं
मौत को गले लगाऊंगा मैं ..जिंदा ना रह पाऊंगा मैं
एक दिन सबसे दूर चला जाऊंगा मैं ।।
-Myselfsumit-
बदबू आती होगी बदन से अब रकीब की
मेरा यार पहले सा खुशबूदार नहीं रहा होगा ।।-
मैं वैसा नहीं हूं जैसा बताया गया है
मुझको दोस्त, धोखे से हराया गया है
उसकी नब्ज पढ़ी मैंने, मगर बाद में
वो गद्दारों की टोली से लाया गया है
एक दरिया था जो बह गया मुझसे
एक समंदर है, जो मुझमें बसाया गया है
यूं ही नहीं आता पंछी कैद में किसी के
कोई दाना देकर उसे फंसाया गया है
इक दिल था गवाने को, मेरे पास
बाकी और भी बहुत कुछ गवाया गया है
जब भी बैठक हुई अंधेरों से मेरी
दिल को बेहद तलक रुलाया गया है
गम क्या होते हैं? कौन किससे पूछे?
गमों को तो अब गले से लगाया गया है
ये होंठ, ये चेहरा, यूं ही नहीं तंज में हैं
जबरन तंग हालातों में, हंसाया गया है
-Myselfsumit-
एक सपना था ..टूट गया
एक साथी था ..छूट गया
गले का पानी ..सुखा है
ना जाने कब से ..भूखा है
कब उसका निशाना .. चूका है
और मेरा निशाना .. चूका है
एक दिल था पर वो ..लूट गया
मैं घूंट सब्र का ..घूंट गया
जहर इश्क का ..मीठा था
मिलन इश्क का ..मीठा था
मेरे यार का वादा ..झूठा निकला
उसका नेक इरादा ..झूठा निकला
दिल का सब सोचा ..झूठ गया
फकीर कह गया .. अटूट गया ।।
- Myselfsumit-
आफत ये है कि बहुत दुख हैं भीतर
कयामत ये है की बाहर खुश रहता हूं ।।-
तेरा पलट कर दिया गया हर जवाब
मुझे धीरे-धीरे तुझसे दूर कर रहा है ।।-
मेरे दिल से ऐसी कयामत नहीं होगी कभी
तेरी यादों की यहां जमानत नहीं होगी कभी
कुछ दुआ करूं और तू ना हो उसमें
मुझसे ऐसी इबादत नहीं होगी कभी
आंखें बंद करूं तू महसूस ना हो
मेरी रूह को ये इजाजत नहीं होगी कभी
तुझे जरूरत हो मेरी और मैं हाथ ना करूं
मेरे हाथों से ऐसी शराफत नहीं होगी कभी
खामोश रहूं और तू ना बसे मेरी खामोशी में
मेरी खामोशी से ऐसी शरारत नहीं होगी कभी
कुछ लिखूं और तुझे ना लिखूं
मेरी कलम से ऐसी बगावत नहीं होगी कभी-
मेरी जिंदगी में आने के लिए गैर घर बसने के लिए
मुझे जिंदगी से भगाने के लिए गैर बाहों में हंसने के लिए
छोड़ के जाने के लिए गैर बातों में फंसने के लिए
शुक्रिया तुम्हारा शुक्रिया तुम्हारा
बेहद रुलाने के लिए मुझे बेकार सोचने के लिए
दिल दुखाने के लिए तानों से कोसने के लिए
मुझे जलाने के लिए मेरी हर खुशी नोचने के लिए
शुक्रिया तुम्हारा शुक्रिया तुम्हारा
-Myselfsumit
कसमें वादे तोड़ने के लिए
मुझसे मूंह मोड़ने के लिए
गमों से जोड़ने के लिए
शुक्रिया तुम्हारा
मेरे सपनों को निचोड़ने के लिए
प्यार महल फोड़ने के लिए
राह अकेला छोड़ने के लिए
शुक्रिया तुम्हारा-