मैं कृष्ण नहीं तो क्या हुआ, तुम तो मेरी राधा हो,
तुझ बिना कैसे पूरा हो जाऊं, तुम हिस्सा मेरा आधा हो.
-
तेरा किसी ओर के करीब होने से,
मुझे होने वाली जलन मे,
ये जो तुम्हे खोने का डर है,
शायद वो डर, तुम नहीं समझोगे.
ये जो में हर पल तुमसे प्यार का इजहार किया करता हूं,
उन हर बार किये गए इज़हार मे,
ये जो हर पल बढ़ता हुआ मेरा प्यार है,
शायद वो प्यार, तुम नहीं समझोगे.
तुमसे बात ना होने पर तुम्हारी परवाह मे,
तुम्हारी याद मे जब ये बेपरवाह दिल बेचैन हो उठता है,
ये जो मेरे दिल की उस बेचैनी मे जज़्बात है,
शायद वो जज़्बात, तुम नहीं समझोगे.
तुम्हारी दी गई कमीज़ मुझे मेरे कपड़ों में,
सबसे ज्यादा पसन्द है,
ये जो उस कमीज़ की कीमत है मेरे लिए,
शायद वो कीमत, तुम नहीं समझोगे.
तुम्हारा मेरी जिंदगी में यू हर ग़म, खुशी में मेरे साथ होना,
और इस प्यार के एहसास मे मेरा तुम्हे खुदा मानना,
ये जो इस प्यार का खूबसूरत एहसास है,
शायद वो एहसास भी तुम नहीं समझोगे.-
हर पल रोकता हूं मेे खुदको तुम्हे याद करने से,
और तुम हर सांस के साथ याद आ जाती हो.
-
ये रंग जो उड़ रहा है यूं हमारे देश में.
ना भगवा है ना है हरा "मैला" ये रंग, है गद्दार का.
मजहब के ठेकेदार का, नफरतों के व्यापार का.
अफवाहों के बाज़ार का, है बुरे संस्कार का.
धर्म, जाति के प्रहार का, है जीत और हार का.
ये रंग ना भंग करदे देश की इस शांति को,
देश की अखंडता को , देश की संप्रभुता को.
ए मेरे वतन के वासियों, चाहता हूं तुमसे कहना मै,
तु सफेद और नीला सा, यूं रहना सदा तिरंगे मे.....-
koi shikva nahi
Ha ab koi shikva nhi jindagi se,
ha tu nahi hogi jindagi me
par teri yaaade to hogi.
Nhi pta hoga sabko ki kitna bachain hu me,
bta paunga kisi ko apne dil ka haal ya nahi, pta nhi;
Par ab koi shikva nahi.
jab pareshaniya ayegi jindagi me,
aur tum mere sath nhi hogi,
toh koi ponch payega mere aanshu ya nhi ye pta nhi;
Par ab koi shikva nhi.
log to bhot honge har kadam par jindagi me,
par tere bina ye jindagi khubsurat hogi ya nhi,
Shayad nhi;
par ab koi sikva nhi
Bin tere ye jindagi hi mujhe mnzoor nhi,
toh kese khdu,
Koi Shikva Nhi...-
यह अब महीने की एक रात ना रही,
"अमावस्या" तो अब मेरी जिंदगी है तेरे बिन...!
-
जख्म बड़े हैं दिल में, कैसे संभाले इन्हें,
ऐसे ही हंसते रहें या रो कर बताएं इन्हें.
-