Tum kya jaano dil par
kya beet rahi hai
Kya hoti hai zindagi ye baat toh bahut peechhe hi chhoot chuki h..
Ab toh jo hai woh ek samjhauta bhar hai
Khushnuma zindagi ka swad kya hota hai
Ye ab hum agle janam me sochenge ...-
अब ये जिस्म जले या
इसे चील कौये खा जाये
फ़र्क़ अब पड़ता नहीं।
जब तक जान थी,
तब तक थी फ़िक़र इसकी।
अब क्या करूँ इसका
जब इसमें जान है ही नहीं।
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यहां ब्रांड देख कर लोग बात करते हैं
क्या सांसों से भी बड़ा कोई ब्रांड हो सकता है इस माटी के जिस्म के लिए।।-
अनकही बातें
लगभग अनकही ही रह जाती है
दिल में ही दम तोड़ देती हैं,
वो कभी खुली हवा में
सांस ले ही नहीं पाती है।।-
ग़र रह जाऊं याद तुम्हें
तो सिर्फ़ और सिर्फ इतना कर देना
एक बार अपने जीवनसाथी की तरह
मेरी तस्वीर को
दिल से लगा लेना।
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हमारा इश्क़ किताब के पन्नो सा था
उसे पलटना तो था ही,
पर ग़र तुम बोल के जाते की मेरे दिल में अब तुम नहीं हो,
तो मुझे तुम्हारी इस सच्चाई से ही ताउम्र के लिए प्यार हो जाता।
और हम तुम्हें ख़ुद ही ख़ुशी से वहां जाने के लिए बोलते जहां आज कल तुम्हारा दिल लग रहा है।।
ख़ैर जो किया सही किया ।
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हम इस तरह ग़ायब होंगें तुम्हारी ज़िंदगी से
कि तुम लाख चाहोगे भी
फिर भी तुम्हें नज़र ना आयेंगे।।
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काश कि जल्द ही कोई ऐसा भी दिन आ जाये
कि लोग हमको जगाए और हम बस सोते ही रह जाएं।।-
जिस दिन हम इस जहां से चले जायेंगे
नही चाहते हैं कि तुम्हे याद आएं
और तुम्हें हो दर्द मुझसे
पर देख लेना तुम्हे हम बहुत याद आएंगे।-
हम क्या जाने शेरों शायरी क्या होती है
हम तो बस वही लिख देते हैं
जो बस दिल पर बीत रही होती है।।-