Thank you wolrd calendar 🗓️
-
“ ग़ज़ल के कुछ शे'र ”
आईना बोलता है साकी, तू ऐसा तो नहीं था।
तेरे जैसा कोई मजनू मैंने देखा तो नहीं था।
इल्म दस्तूर सुनोगे तो रो दोगे मेरी,
दिल में खालीपन सा पहले ऐसा तो नहीं था।
ये पानी! और हवाएं! ये अगन! ये आसमां,
इतनी फुरकत से कभी मुझको छूता तो नहीं था।
इतनी चाहत को देख मेरी जो समझने लगे,
तुझसे पहले कोई पागल मुझे कहता तो नहीं था।
आईना बोलता है साकी, तू ऐसा तो नहीं था।
तेरे जैसा कोई मजनू मैंने देखा तो नहीं था।
-
“ Life lessons ”
मुखौटा लगा कर रहना चाहिए ज़माने में,
लोग असलियत जानते हैं तो औकात पर आ जाते हैं।
-
मैं चाह कर भी तुमसे जुदा ना हो पाया,तुम इस कदर मुझमें समा सी गई हो,
किसी और को कैसे आने दूं भला!, मेरे दिल में जो तुम घर कर गई हो।-
खिल जाती है पंखुड़ियों की तरह,जब भी पलक झपकाती हो तुम,
होठ है कि पूरी मधुशाला, बातों से रस टपकाती हो तुम ।-
इत्र ही तो है तेरी यादें सनम, सांसों में मेरे यूं समाना तेरा ,
आहें तुम वहां भरती हो मगर , महक उठता है बदन यहां मेरा ।-
उड़ता हुआ आसमान में, तू आज़ाद परिंदा है,
तू जैसा भी है जो भी है सबसे चुनिंदा है।
डगमगा कर संभल जाता अक्सर पांव मेरा,
जैसे ही याद आता है कि मेरा बाप ज़िंदा है ।।-
“DISU”
मैं हिंदी हिंदी हो जाऊं, तुम उर्दू उर्दू हो जाओ,
मैं साथ रहूं बस पढ़ने को, तुम सबकी जुबां में चढ़ जाओ।
मैं धरती धरती रह जाऊं, तुम सारा अम्बर हो जाओ।
मैं चलता रहूं निरन्तर बस, तुम आसार ठहर जाओ।
मैं पनघट के गागर का पानी, तुम सारा समुंदर हो जाओ।
मैं चंचल मन सा फिरता रहूं, तुम सबके जहन में बस जाओ।
मैं कंकण- पत्थर का राही, सबको तो रास नहीं आया
तुम कह दो जिसे वो सोना बने, तुम ऐसी पारस बन जाओ।-
बीच डगर में भेंट हुई तो, दिल है वहम हज़ार पालेगी।
नज़र झुकी तो नजरें बचा लो, वरना ये क़ातिल है मार डालेगी।
-