ना जाने कोनसा जादू है तुझ में तुझसे नजर हटती नहीं, ना जाने कौन सा नशा है तुझ में ही डूबी रहेती हूं, क्या खूबसूरती है तेरी तुझे देख ही दिल जुम उठता है, ओ कुदरत......! खास है तू वरना ऐसे ही ना मरते तुम पर।
हर किसी पर कविता लिखी नही जाती हर किसी से नज़रे मिलाएं नहीं जाती वो तो हम पागल थे जो तुमसे महोबत कर बैठे इस लिए देखा करते हे आपको वरना __ हर किसीके नाम कागज पर लिखे नहीं जाते__