Muskan   (मुस्कान)
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फ़कत मेरे ही हिस्से में
ख़ुदको अज़ीज़ पाया है 🌸
Joined 6 July 2018


फ़कत मेरे ही हिस्से में
ख़ुदको अज़ीज़ पाया है 🌸
Joined 6 July 2018
27 MAR 2020 AT 20:40

हमें भी याद कर लिया गया है शायद
अंदाज़े सभी के सही नहीं होते।

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15 FEB 2020 AT 22:04

उसे मेरी पसंद पता ही नहीं हैं
वो मेरी ज़रूरतों का ख़्याल रखता है।

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13 DEC 2019 AT 22:20

नसीब अक्सर जाग जाते हैं उनके
खुशनसीब जो मान लेते हैं खुदको।

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22 NOV 2019 AT 10:53

हर अर्थ के विराम से लगते हो
सिमट ना पाए जो कहीं

तुम गीता के सार से लगते हो

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20 SEP 2019 AT 13:14

वो छोड़ गया मुझे कहीं
वो छोड़ गया उसे यहीं।

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8 SEP 2019 AT 20:47

मैं भी क़ैद हूँ उसमें
वो भी मुझे आज़ाद रखता है।

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22 AUG 2019 AT 8:13

हम भी आते ख़्याल में किसीके
हमने भी दिल किसी का तोड़ा होता!

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13 AUG 2019 AT 22:49

वो आसानी से भुला देता है मुझे
मैं उसे याद बड़ी मुश्किल से आती हूँ।

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26 MAR 2019 AT 19:32

दरिया ए अश्क़ तो बह गया आँखों से
मगर नमी में अब भी समंदर गहरा है

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15 JUN 2020 AT 20:55

ना साहिल पे रोया ना शफ़क़ पे रोना आया
भीतर के इक समंदर को बस समंदर में रोना आया।

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