ना साहिल पे रोया ना शफ़क़ पे रोना आया भीतर के इक समंदर को बस समंदर में रोना आया। -
ना साहिल पे रोया ना शफ़क़ पे रोना आया भीतर के इक समंदर को बस समंदर में रोना आया।
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मोहब्बतएक तराज़ू का वह पलड़ा है जो सदैव भारी रहता है दूसरे पलड़े में मौजूद सभी अपेक्षाओं,भय और महत्वाकांक्षाओं से मोहब्बत से भरा हुआ पलड़ा सदैव टिका रहता है ज़मीन परऔर संतुष्ट रखता है तराज़ू को। -
मोहब्बतएक तराज़ू का वह पलड़ा है जो सदैव भारी रहता है दूसरे पलड़े में मौजूद सभी अपेक्षाओं,भय और महत्वाकांक्षाओं से मोहब्बत से भरा हुआ पलड़ा सदैव टिका रहता है ज़मीन परऔर संतुष्ट रखता है तराज़ू को।
हमें भी याद कर लिया गया है शायद अंदाज़े सभी के सही नहीं होते। -
हमें भी याद कर लिया गया है शायद अंदाज़े सभी के सही नहीं होते।
वाह वाही तो ख़ूब लूटी थी उसनेकलाकारी उसकी सब छिपाने की थी। -
वाह वाही तो ख़ूब लूटी थी उसनेकलाकारी उसकी सब छिपाने की थी।
मानों तो पत्थर,मानों तो भगवान वो बातें बस मायनों की ही तो थीं। -
मानों तो पत्थर,मानों तो भगवान वो बातें बस मायनों की ही तो थीं।
उसे मेरी पसंद पता ही नहीं हैं वो मेरी ज़रूरतों का ख़्याल रखता है। -
उसे मेरी पसंद पता ही नहीं हैं वो मेरी ज़रूरतों का ख़्याल रखता है।
नसीब अक्सर जाग जाते हैं उनके खुशनसीब जो मान लेते हैं खुदको। -
नसीब अक्सर जाग जाते हैं उनके खुशनसीब जो मान लेते हैं खुदको।
हर अर्थ के विराम से लगते हो सिमट ना पाए जो कहीं तुम गीता के सार से लगते हो -
हर अर्थ के विराम से लगते हो सिमट ना पाए जो कहीं तुम गीता के सार से लगते हो
वो छोड़ गया मुझे कहीं वो छोड़ गया उसे यहीं। -
वो छोड़ गया मुझे कहीं वो छोड़ गया उसे यहीं।
नज़्म-ग़ज़ल,ख़्वाबो-ख़्याल उसके सब सो गए हैं,कोई देखे उन आँखों में कितनीे नींद बाकी होगी। -
नज़्म-ग़ज़ल,ख़्वाबो-ख़्याल उसके सब सो गए हैं,कोई देखे उन आँखों में कितनीे नींद बाकी होगी।