Muskan   (मुस्कान)
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फ़कत मेरे ही हिस्से में
ख़ुदको अज़ीज़ पाया है 🌸
Joined 6 July 2018


फ़कत मेरे ही हिस्से में
ख़ुदको अज़ीज़ पाया है 🌸
Joined 6 July 2018
15 JUN 2020 AT 20:55

ना साहिल पे रोया ना शफ़क़ पे रोना आया
भीतर के इक समंदर को बस समंदर में रोना आया।

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3 MAY 2020 AT 16:40

मोहब्बत
एक तराज़ू का वह पलड़ा है
जो सदैव भारी रहता है

दूसरे पलड़े में मौजूद
सभी अपेक्षाओं,भय और महत्वाकांक्षाओं से

मोहब्बत से भरा हुआ पलड़ा
सदैव टिका रहता है ज़मीन पर
और संतुष्ट रखता है तराज़ू को।

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27 MAR 2020 AT 20:40

हमें भी याद कर लिया गया है शायद
अंदाज़े सभी के सही नहीं होते।

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20 MAR 2020 AT 20:20

वाह वाही तो ख़ूब लूटी थी उसने
कलाकारी उसकी सब छिपाने की थी।

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20 MAR 2020 AT 19:25

मानों तो पत्थर,मानों तो भगवान
वो बातें बस मायनों की ही तो थीं।

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15 FEB 2020 AT 22:04

उसे मेरी पसंद पता ही नहीं हैं
वो मेरी ज़रूरतों का ख़्याल रखता है।

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13 DEC 2019 AT 22:20

नसीब अक्सर जाग जाते हैं उनके
खुशनसीब जो मान लेते हैं खुदको।

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22 NOV 2019 AT 10:53

हर अर्थ के विराम से लगते हो
सिमट ना पाए जो कहीं

तुम गीता के सार से लगते हो

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20 SEP 2019 AT 13:14

वो छोड़ गया मुझे कहीं
वो छोड़ गया उसे यहीं।

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14 SEP 2019 AT 12:03

नज़्म-ग़ज़ल,ख़्वाबो-ख़्याल उसके सब सो गए हैं,
कोई देखे उन आँखों में कितनीे नींद बाकी होगी।

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