यहाँ हर किसी को जाना है
पुकारने पर कौन कहाँ रुका है भला-
वो दौर भी, मैं जी आया हूँ..!!
बेतुकी बातों पे किसी के, कुछ यूँ
दिल को मेरे बर्बाद कर आया हूँ
हा वो दौर भी, मैं जी आया हूँ..!!
सच माना था जिसे कभी,
झूठे जज्बातों से लिपटें उन लम्हों का,
टूट के भी कर्ज अदा कर आया हूँ
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પ્રથમ
તરસાવે
પછી વરસાવે,
છલકાવે
અને ભીંજવે..!!
અનરાધાર..
અનહદ
અને રોમેરોમ..!!
આ તું અને વરસાદ
એકસરખાં
અક્ષુણ્ણ લાગણીએ
મહેકાવે..!!-
कभी कभी
कुछ परिस्थितियां,
जगह, व्यक्ति या
किसी रिश्ते से
दूर हो जाना
जितना दुखदायी
होता है...
उतना ही वह
आवश्यक होता है
हमारे आत्मा
और हृदय के
सुकूँ के लिए..!!-
शब्दों का चयन हमेशा सोच समझकर करना चाहिए..!!
वो चाहे लिखें गयें हो या बोले गयें..और ये जो EDIT, DELETE..UNSEND..UNDO के OPTIONS होतें है ना
वो सिर्फ फोन में होतें है दिलों में तो सिर्फ कैद होतें है..
फूलों की तरह कुछ समय के पश्चात शब्द छोड़ जाते हैं अपनी महक या सदैव के लिए चुभन..क्योंकि शब्द आते हैं ले के बहोत लम्बी उम्र..और जिंदा रहते हैं रात के सन्नाटों में..दिन के शोर में..कोरी शामों में..नम आंखों में..कभी यादों में..कभी हँसी में या किसी के inbox में और वहाँ से delete हुए भी तो दिल में उम्र भर के लिए..!
हमारे चले जाने या चुप हो जाने के बाद भी
अक्सर देर तक "बातें" करते हैं हमारे "शब्द"... !!!!
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When you get to know
"Jisse online panga le liya tha
Wo hi interviwer hai..! "
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