ढूंढना मुझे उस तारे में जो नहीं बनाते सप्तऋषि, जो होगा आसमान के सबसे चमकते तारे के करीब। वो नहीं होगा विज्ञान का सूरज, होउंगी मैं तुम्हारे धुरी के आसपास।।
जब प्यार में प्यार ना हो जब दर्द में यार ना हो जब ऑंसू में मुस्कान ना हो जब लफ़्जों में जबान ना हो जब साँसे भी यूं ही चले जब हर दिन में रात ढले जब इंतज़ार सिर्फ़ वक़्त का हो जब याद उस कम्बख्त की हो क्युँ हूँ मैं राही जब वह है किसी और की मंजिल धड़कनों ने साथ छोड़ दिया ऐ दिल है मुश्किल।।