21 MAY 2019 AT 12:43

💟प्रतिभा उवाच💟
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समझदारियों से दिल सँभलता नहीं ..
ये दिल है इस पर जोर किसी का चलता नहीं ...
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लेखिका--प्रतिभा द्विवेदी उर्फ मुस्कान©
सागर मध्यप्रदेश ( 21 मई 2019 )
मेरी यह रचना पूर्णता स्वरचित मौलिक व प्रमाणिक है सर्वाधिकार लेखिका के हैं इसके व्यवसायिक उपयोग के लिए लेखिका की लिखित अनुमति अनिवार्य है धन्यवाद

- प्रतिभाद्विवेदी मुस्कान©