24 MAY 2019 AT 12:00

💟 प्रतिभा उवाच💟
💟💟💟💟💟💟
रहबर नहीं कोई मिलेगा..
जो तुमको बिठा दे अर्श पर...!!
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तेरी कोशिशों का कारवाँ ही...
तुझको वहाँ ले जायेगा...!!!
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तू सूरज बने या चाँद..
या बनकर सितारा जगमगाये ..!!
💥💥💥💥💥💥💥💥💥💥
निज कोशिशों का शोर ही..
तेरा आसमाँ तक जायेगा..!!!
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लेखिका--प्रतिभा द्विवेदी उर्फ मुस्कान©
सागर मध्यप्रदेश ( 24 मई 2019 )
मेरी यह रचना पूर्णता स्वरचित मौलिक व प्रमाणिक है सर्वाधिकार लेखिका के हैं इसके व्यवसायिक उपयोग के लिए लेखिका की लिखित अनुमति अनिवार्य है धन्यवाद ।

- प्रतिभाद्विवेदी मुस्कान©