18 JUN 2020 AT 23:58

*भारतवासी सुनो गौर से*
भड़काना बहुत आसान है
मुश्किल है शांति कायम करना.!!
तो दम शांति स्थापित करने के लिए चाहिए.!!
घर में बैठकर मरने-मारने के .
आक्रोश भरे ओजपूर्ण बखानों से
शहीद जिंदा नहीं हो जायेंगे !!!!
बल्कि जो बचे हैं उन पर भी
मौत के बादल छा जायेंगे !!
सृजन करो कुछ ऐसा जिससे
शांति का दम खम आये !!
शहादत का खेल सदा के लिए
भारत में कफ़न ओढ़ कर सो जाये.!
गर रखते हो भेजा भेजे में
तो अमन चैन की बात करो !!
लहू बहुत उबल रहा है तो.
कोई ऐसा इंतजाम करो.
नहीं उजड़े फिर माँग किसी की
ना औलादें अनाथ हों किसी की .
बुढ़ापे की लाठी ना टूटे ..
किसी सैनिक का जीवन ना रूठे..!!
गर हे कूवत किसी में तो ..
ऐसा करके दिखलाओ !!!
वरना तोड़ दो अपनी कलम
आक्रोश की बातें ना भड़काओ.!!
खुद थामो बंदूकों को .
और सीमा पर अपना जौहर दिखलाओ.!!
केवल शब्दों में ओज दिखा के
ब्लडप्रेशर नाहक नहीं बढ़ाओ.!!
गुस्से में थर थर काँपने वालो
पहले गुस्से में सँभलना सीख जाओ.!!
देशभक्ति का मतलब समझो
देश में अमन चैन फैलाओ !!
माँ के बेटों की जान झौंककर
भारत माँ को खून के आँसू नहीं रुलाओ !!
भारत माँ को खून के आँसू नहीं रुलाओ!!
लेखिका-प्रतिभा द्विवेदी"मुस्कान"©
सागर मध्यप्रदेश ( 18 जून 2020 )
*ये दिल की आवाज है मेरे*
सभी पाखंडी देशभक्तों तक पहुँचाना चाहते हैं*
जो केवल शब्दों में उबलना जानते हैं !

- प्रतिभाद्विवेदी मुस्कान©