इतनी तारीफ़ की है सबसे तेरीकि अपनी ही बातों को झुटला करतेरी बुराई भी में खुदसे न कर सकी! -
इतनी तारीफ़ की है सबसे तेरीकि अपनी ही बातों को झुटला करतेरी बुराई भी में खुदसे न कर सकी!
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इस मुस्कान की मुस्कुराहट को छीन,अब वो किसी और के मुस्कुराने की वज़ह है। -
इस मुस्कान की मुस्कुराहट को छीन,अब वो किसी और के मुस्कुराने की वज़ह है।
मुझसे दगा कर, वो मुझसे नज़रें चुराता है।हैरत है मुझे, वो खुदा से कैसे नज़रें मिलाता है। -
मुझसे दगा कर, वो मुझसे नज़रें चुराता है।हैरत है मुझे, वो खुदा से कैसे नज़रें मिलाता है।
वो इल्ज़ाम लगाता है दिल तोड़ने का,हम चाय पीकर कुल्हड़ नहीं तोड़ पाते। -
वो इल्ज़ाम लगाता है दिल तोड़ने का,हम चाय पीकर कुल्हड़ नहीं तोड़ पाते।
मेहरम बन मेहरबां हो रहा था,इश्क़ के नाम पर दगा कर रहा था। -
मेहरम बन मेहरबां हो रहा था,इश्क़ के नाम पर दगा कर रहा था।
कुछ बातें दिल में घर कर जाती हैं,न चाहते हुए भी आंखें नम कर जाती हैं। -
कुछ बातें दिल में घर कर जाती हैं,न चाहते हुए भी आंखें नम कर जाती हैं।
रब के समान उसे पूजा है मैंने,मुक़द्दस इश्क़ किया है मैंने। -
रब के समान उसे पूजा है मैंने,मुक़द्दस इश्क़ किया है मैंने।
अदाओं से महरूम हूं में,मर्यादाओं से भरी हूं। -
अदाओं से महरूम हूं में,मर्यादाओं से भरी हूं।
मेरा मेहबूब मेरे सांवले रंग पर भी मरता है,वो मेरे रंग से ज्यादा मेरे ढंग से इश्क़ करता है। -
मेरा मेहबूब मेरे सांवले रंग पर भी मरता है,वो मेरे रंग से ज्यादा मेरे ढंग से इश्क़ करता है।
वो बेज़ार था मुझसे,मैं नाराज़गी समझ मनाती रही। -
वो बेज़ार था मुझसे,मैं नाराज़गी समझ मनाती रही।