Muskan Bharti   (स्याह चाँदनी....)
36 Followers · 9 Following

@the_art_maze
कोई चिराग़ नहीं जहाँ में ख़ुशी की तरह
हसीन ख्वाब नहीं कोई ज़िन्दगी की तरह
Joined 2 February 2019


@the_art_maze
कोई चिराग़ नहीं जहाँ में ख़ुशी की तरह
हसीन ख्वाब नहीं कोई ज़िन्दगी की तरह
Joined 2 February 2019
7 MAY 2020 AT 20:04

We should leave our past behind
And change yourself according to situation.
Fly,fly and fly as long as there is life in the wings

-


7 MAY 2020 AT 16:27

To all girls like Sansa stark...
Choose a respectful man instead of a handsome man.choose wisely between
Joffery,Ramsay and Tyrion
Or be like Arya stark
With an innocent heart after seeing such cruelty.
With attitude of a lady in a little girl.
Who didn't wait for a prince charming.
#gameofthornes


-


7 MAY 2020 AT 14:59

If you are Mr.Grey
Let me be your anna
Show me your agony
I'll bind it with brier
Show me your passion
Show me your fire
Make my hair braid
Show me your desire
Let me enwrap you
With all love & pamper
Show me your darker side
I'll seize it with handcuffs
Show me your 50 shades
I'll be your entire...

_स्याह चाँदनी.....







-


4 MAY 2020 AT 23:31

स्त्री संभालती है रिश्तों को
अंतिम साँस तक
क्योंकि सींचती है वो
अपनी करुणा,भावना
और वक़्त देकर
प्रेम के बीज को
बचाती है उसे विशाल पेड़ होने तक
वो नहीं खाती उसके फल को
उसे नाम देती है अपने प्रेम का
जिसके प्रति समर्पित है उसका जीवन!


-


4 MAY 2020 AT 13:39


सच्चा प्रेम तो सामान्य सी दिखने वाली स्त्रियों को ही मिलता है
सुन्दर स्त्रियाँ तो हर युग में वासना के लिए चाही गई हैं!

-


15 APR 2020 AT 23:24

A combination of strong and soft (man and women)
a lil bit bitter with lovely sweetness
A perfect aroma
And relaxing as nirvana...

-


9 APR 2020 AT 8:41

एक चारदीवारी है
स्त्रियों का मन
इसमें कैद है
कुछ सपने,कुछ सवाल
कुछ मैं,कुछ ख़याल
स्त्रियाँ छिपाती हैं
मन की बातें,
क्योंकि
कुचल दी जाती है उसकी कोमलता
वो हो जाती है मन से कठोर
और तब उनकी अश्रुओं की नदी से
बनती है चारदीवारी
जो बहा ले जाती है
उनकी कोमलता और चंचलता...

-


7 APR 2020 AT 14:42

रूठने-मनाने का रिवाज़ तो बस दोतरफ़ा मोहब्बत में होता है
मैं तो बेवजह ही उनसे रूठी थी!

-


16 MAR 2020 AT 22:25

ये दुरियाँ ही तो हैं,जो
हमें प्रेम की परिभाषा समझाती हैं
एहसास कराती हैं,अपनी पवित्रता का
जैसे जल और अग्नि का मिश्रण
जैसे धरती और आकाश का मिलन
प्रेम में सदृश्य हो उठती हैं समस्त कल्पनाएं
और कल्पनाओं में प्रेमी-प्रेमिका की अटखेलियाँ...






-


15 MAR 2020 AT 23:25

मुझे इस इकीसवीं सदी में
'प्यार' शब्द को 'प्रेम' कहना पवित्र सा लगता है।
प्रेम की निश्छलता शायद
राधा कृष्ण के युग में ही रह गयी।।

-


Fetching Muskan Bharti Quotes