mushtaque mohammad   (Peeru)
828 Followers · 976 Following

read more
Joined 16 March 2018


read more
Joined 16 March 2018
7 MAR AT 0:15

दिखावे की हमदर्दी है ये ज़माने की मियां
गर्दिशों में साथ फकत तन्हाई देती है

-


20 JAN AT 23:19

हमें गर्दिशों में देखकर किनारा करने वालों
हम वो नहीं है जो टूटकर बिखर जाते हैं
कभी तारीख भी पढ़ो शिद्दत से हमारी
आशिके -रसूल तो मुश्किलों में निखर जाते हैं

-


5 JAN AT 0:33

कभी टूटते, कभी बिखरते ख्वाबों के साथ हूं मैं
हां ये सच है कि अब भी ना-उम्मीद नहीं हूं

-


17 SEP 2023 AT 1:06

लिखने का कोई मतलब नहीं अब हमारे लिए
फकत अल्फाज़ पढ़ते हो तुम जज़्बात नहीं

-


15 SEP 2023 AT 23:05

रब जाने कि वो ऐतबार के काबिल है या नहीं
दिल को मगर उसपर ऐतबार बहुत है
देखा नहीं है हमने उसे अब भी रूबरू
क्या करें कि हमें उससे प्यार बहुत है

-


14 SEP 2023 AT 0:36

मेरी तमाम दलीलें, नाकाफी नज़र आईं मियां
जब उसने कह दिया कि, पहचानते नहीं
कैसे होता इंसाफ भला, तुम ही कहो अदालत में
जज ने कहा कि हम वफ़ा को सबूत मानते नहीं

-


23 AUG 2023 AT 23:04

*किसी ने हज़रत अली से पूछा कि जिनकी मां नहीं होती उनके बच्चों को दुआ कौन देता है, आपने फ़रमाया कि झील अगर सूख भी जाए तो मिट्टी से नमीं नहीं जाती इसी तरह मां के इंतकाल के बाद भी वह अपनी औलाद को दुआ देती रहती है *

-


23 AUG 2023 AT 0:03

चलो आज दोनों इश्क की हदें पार करते हैं
तुम भी हमें प्यार करो,हम भी तुम्हें प्यार करते हैं

-


20 AUG 2023 AT 0:04

गर इश्क को इश्क की तरह किया होता तुमने
बा-खुदा फिर तुमसे कोई शिक़ायत नहीं होती
गर बुनियाद होती वफ़ा, मोहब्बत की इमारत की
फिर दुश्मनों में भी, गिराने की हिमाकत नहीं होती

-


17 AUG 2023 AT 23:53

हर रोज उदासी बात करती है मेरी उनसे मगर
उन्हें जज्बातों की मुकम्मल तालीम नहीं है

-


Fetching mushtaque mohammad Quotes