मुशाफिर-ए-मंजिल   (Ricky)
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Joined 7 September 2019


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Joined 7 September 2019

खो तो दिया है उसे, थोड़ा खालीपन भी है,
पर इस बात से खुश हैं, की वो खुश है हमारे बिना।

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ना जाने किस बात से हो गया है लगाव तुमसे,
अब तो बस इस आस में रहते हैं की दिन भर में एक बार बात हो जाए तुमसे।

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सर्दियों का मौसम है, सर्द हवाओं में
तेरा सांसों का एहसास चाहिए,
बिस्तर पे रजाई में तेरा साथ चाहिए,
पूरी रात तुझे से लिपटा रहना चाहता हूं,
मुझे तेरी सांसों की गर्माहट मेरे साथ चाहिए,
जकड़ ले तू मुझे ऐसे की हवा भी बोले मुझे एक सांस चाहिए।

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सुनो मत आना अब वापस तुम कभी,
हां पता है माना कर रहा हूं,
इसलिए नही की कोई मिल गया है,
अब बिना तुम्हारे जीना सिख लिया है,
खुद की बनाई यादों में रहना सीख लिया है,
गुजरे कल को देख मुस्कुराना सीख लिया है,
आने वाले कल को संवारना सिख लिया है,
हां दिल लगाना भूल गया हूं मगर,
दिल को बहलाना अब सिख लिया है,
सुनो मत आना अब वापस तुम कभी,
बिन तुम्हारे अब जीना सीख लिया है।

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जब साथ होता है, जब वो शख्स पास होता है,
तब कदर नही होती, करना चाहो जब बात तब बात नही होती,
जो आज है साथ थोड़ी अहमियत दे दो उसे,
लोगों के चले जाने के बाद फिर मुलाकात नहीं होती।

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कहना बहुत था तुमसे जो ना कह सका,
मौका नहीं था जो तुमसे मैं मिल ना सका,
उपर वाले से मांगी एक दुवा की करदे सब एक बार वैसा ही,
की शुरूवात कर सकूं मैं उसके साथ कुछ नई कुछ अलग सी।

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यादें बहुत हैं तुम्हारी, छोड़ना चाहते है,
मगर छोड़ने का मन नहीं करता,
यूं जो बिन बताए छोड़ के चले गए हो,
भूलना चाहते हैं मगर तुम्हे भूलने का मन नहीं करता।

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Ye jo gudgudi tumhe ho rahi hai, yahan tumse dur hume bhi hoti hai,

Pyar ishq aur mohabbat ka to pata nahi, par tumse milne ki talab jarur hoti hai

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मोहब्बत नसीब में नहीं हमारे तभी तो,
तुम आए चार बातें की और कुछ मजबूरियां बता के चले गए।

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यूं तो तुम सिर्फ खयालों में हो,
अब ये सोचता हूं की बाहों में कब होगी।,

जिस्म तेरा छू के तेरा एहसास लेना चाहता हूं,
मेरी गर्म सांसों से तुझे और गर्म करना चाहता हूं। 🤪

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