जरुरत,
ख्वाहिशें,
जिम्मेदारी...
ये तीनों
खा गई
उम्र हमारी...-
Murshid
(-Hanni)
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एक जूद-रंज मगर बेहद मुख़लिस दोस्त...
एक शफीक और बे-तकल्लुफ़ उस्ताद...
अपने ख्यालात मे डूबा ... read more
एक शफीक और बे-तकल्लुफ़ उस्ताद...
अपने ख्यालात मे डूबा ... read more
Joined 31 July 2020
11 FEB 2023 AT 7:39
हमसे दो मिसरे एक साथ नहीं संभलते...
जाना तुम दो बंदे कैसे संभाल लेती हो...-
10 FEB 2023 AT 5:59
अज़ीब रंग भर दिए मेरी तस्वीर में मुसव्विर ने...
लबों पे हँसी आँखों में अश्क़ जबीं पे शिकन...-
10 FEB 2023 AT 5:54
सदा दीवारों से टकरा कर मेरे पास ही लौटती है...
गिन रहा हूँ अपनी ही धड़कने मैं इस तन्हा क़फ़स में...-
9 FEB 2023 AT 16:41
है ज़ीस्त की तल्ख़ी या ग़म-ए-हिज्र का एजाज़...
'मुर्शिद' अब शे'र मोहब्बत के मज़ा क्यों नहीं देते...
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8 FEB 2023 AT 7:00
मेरी बेलौस मोहब्बत का अक़ीदा ही बहुत है उसको...
उसे कभी गुलाब टेडी चॉकलेट की ज़रूरत नहीं होती...-
3 DEC 2022 AT 7:26
अमां जाओ बड़े बद-नसीब निकले तुम...
तुम्हें तो हम फ़क़ीरों तक ने ठुकरा दिया...-
2 DEC 2022 AT 9:57
बहुत ही तेज़ हो गई है
ये भाग-दौड़ भरी दुनिया...
'मुर्शिद'
लोग श्मशान में भी पहुँच जाते हैं
अर्थी से पहलेे...-
29 NOV 2022 AT 12:30
बिखर गया तो समेट पाना मुहाल होगा...
ए-शोख़ लड़की मैं तेरे बालों से मुख़्तलिफ़ हूँ...-