मेरे बस में यही था
मैने जितनी बार चाहा
उतनी बार पुकारा तुमको
तुमने सुना नहीं रोका खुदको-
Munish Anand
(Munish Anand)
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Love and peace
Joined 27 October 2021
4 HOURS AGO
23 MAY AT 0:48
और भरोसा अपने फैसले पर पूरा करो...
फैसला लेकर यू-टर्न... मजबूरी में ही लो!-
23 MAY AT 0:31
सफर कोई भी हो... आसान
किसी भी उम्र में नही होता है!
झटके सहने का वक्त के साथ
बस तजुर्बा बढ़ता जाता है!!-
22 MAY AT 23:25
कुछ लोगो पर ध्यान केंद्रित करके सहमति के साथ निर्णय लेना आसान है!
पर खयाल अगर कई लोगो के समूह का हो तो त्याग करने ही पड़ते तमाम है!!-