Munindra Kumar   (कण (Munindra))
24 Followers · 25 Following

The life always told me to fight , to raise against odds , to stood with pride.
Joined 18 September 2020


The life always told me to fight , to raise against odds , to stood with pride.
Joined 18 September 2020
18 SEP 2023 AT 23:07

प्यार के कुछ लफ्जों को,
आज जोड़ के बैठा हूं,
ख़ुद समझूं या दुनियां को बताऊ,
या इस समय
खुद के लिए - ख़ुद को प्रेम सिखाऊं,
शब्द एक व्याखान एक,
पर उसकी बात ख़ुद को जैसे समझाऊं।

-


14 SEP 2023 AT 10:32

व्याखानों में एक सीख मिली,
लिखी पुरानी एक रीत मिली,
शब्द कोश के जालों मे,
हमे हमारी "हिन्दी" मिली,
वेद उपनिषदों की वो जननी बनी
हर मां बाप की वो सीख बनी,
एक वर्णमाला वो जो,
हर अमीर गरीब की जुबान बनी।

-


7 SEP 2023 AT 23:22

ज़िंदगी के उस सार की,
सिर्फ़ एक छवि गृहण कर रखीं हैं,

माटी के बर्तन में हर खुशी छुपा रखी है।

-


11 AUG 2023 AT 23:56

ईश्क के अलावा मैं हर चीज़ भूल जाता हूं,
इसी वज़ह से उसके बारे में उससे पूछ पाता हूं।

-


3 JUN 2023 AT 18:34

बहुत नजरों के सामने से गुज़रा,
गालिब
मगर उन नज़रों में कोई अपना मालूम ना हुआ।

-


2 JUN 2023 AT 20:08

आज एक किस्सा नहीं कहानी सुनाना चाहता हूं,
खुद की या दूसरों की पता नहीं, बस जस्बात पढ़ाना चाहता हूं,
कहानी एक, क़िरदार अनेक सबकी बात बताना चाहता हूं,
इस युग में जी रहे राजा और रंक को बस ये समझाना चाहता हूं,
आज मैं मृत्यु और जीवन का सार बताना चाहता हूं।

-


8 MAY 2023 AT 23:39

Wishes was the only thing
any one could asked for,
Being there was the only
hope he could wish for.

-


4 MAY 2023 AT 12:31

बचपन वाली अब वो खुशी कहा,
टूटे दात वाली अब वो हंसी कहा,
बडे़ होने की जिद में छोड आए बचपन वहा,
अब उस पुराने घर में हम कहा?
होठों पे मुस्कान कहा,
हाथों में खिलौने कहा,
बडे़ होने की जिद में
अब वो बचपन की खुशी कहा।

-


3 MAY 2023 AT 15:36

उम्मीदों की एक डोर ठहरी थी,
वचनों से वो गहरी थी,
बात एक टूक की कही वो,
हर जस्बात में लड़ी वो,

"रिश्ता रहा एक डोर का,
सबको चिल्ला के कहीं वो",

रही उम्मीद अनोखी वो।

-


1 MAY 2023 AT 21:24

रूठी तू मनाना मुझे हैं,
इस बार दिल को समझाना मुझे हैं,

देख उस चांद को कैसे छुपा हैं बादलों में,
इस को दिखाना है मेरे चांद तू हैं,

वर्षो बीते इस रिश्ते में,
अब दुनिया के सामने बस
"तेरा मेरा" होने बाकी हैं।

-


Fetching Munindra Kumar Quotes