Munendra Yadav   (Munendra yadav)
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मुझे पढना जितना आसान है।
समझना उतना ही मुश्किल।..
Joined 16 May 2020


मुझे पढना जितना आसान है।
समझना उतना ही मुश्किल।..
Joined 16 May 2020
25 NOV 2024 AT 10:43

मुझ आशिक की नज़रें ना झपकी है पल भर,
मगर तुमने मुझको ना देखा नज़र भर !

मुझे मेरे दिल को क्यों ठुकराया तुमने,
ना सोचा ना समझा ना बतलाया तुमने !

तेरे दिल में मेरे लिए क्या छुपा है,
तू किस बात पर इतना मुझसे ख़फ़ा है !

ना जाने मेरा तुझसे क्या वास्ता है,
मगर जो भी है, वो रहेगा उमर भर !!

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24 NOV 2024 AT 17:34



अब ये दिल उसके लिए लिखें भी तो क्या लिखेगा !

खुद को बाती ओर उसको दिया लिखेगा !

जिन से ताउम्र उसके हक़ में दुआ मांगी हो,

उन ही हाथों से कैसे उसको बेवफा लिखेगा !!

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22 SEP 2024 AT 22:53

उसकी सलामती का पता करना भी गुनाह हो गया !
उसे कुछ रोज़ से न जाने क्या हो गया !
या तो,वो मुझको भुलाने पे उतर आया है ,
या तो, किसी बात पर मुझसे खफा हो गया !!

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27 AUG 2024 AT 0:41

सच्चे लोगो पर ऐतबार नहीं होता है !
बेसब्री में इंतज़ार नहीं होता है !
जिनको मोहब्बत में तलब जिस्म की होती है,
ऐसे लोगो को कभी प्यार नहीं होता है !!
दर्द के बदले उसे दर्द ही दिया जाये,
इश्क़ इबादत है, इसमे व्यापार नहीं होता है !!
फरेबी लोग चुन-चुन कर शिकार करते हैं,
सच्चे आशिक से यूँ इजहार नहीं होता है !!
ये गुनाह जिंदगी में एक बार किया जाता है,
इश्क जिंदगी में बार-बार नहीं होता है !!

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29 JUN 2024 AT 17:28

माना की उसकी मोहब्बत का मैं हकदार नहीं हूं,
कैसे कह दूँ कि मैं उसका तलबगार नहीं हूं!!
इक रोज इत्मीनान से लिखूंगा कहानी उसकी,
बेशक उसकी कहानी का मैं किरदार नहीं हूं!!
जिसने गुजारी है कई रातें किसी गैर के बिस्तर पे,
उसका इल्जाम है, मुझ पर मैं वफ़ादार नहीं हूँ!!
बिछड़ते वक्त मुझे चुपके से बताया उसने,
मैं अब भी दोस्त हूँ उसका मगर प्यार नहीं हूँ!!

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28 JUN 2024 AT 15:57

कुछ तो मजबूरियाँ उसकी भी रही होगी!

लख़्त-ए-जिगर को भुलाना किसी का शौक थोड़ी है!!

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24 JUN 2024 AT 6:02

तू कब आएगी मेरी जिंदगी में बहार बनके,
कितने सावन मैं तेरा  ओर इंतजार करूँ !!

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22 JUN 2024 AT 17:11

मेरे नासूर जख्मों का कुछ इस तरह इलाज हुआ, उसके हाल पूछते ही मेरी तबीयत में सुधार हुआ!!

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20 JUN 2024 AT 3:05

मुझे तेरा गम भी खुद से अलहदा नहीं लगता !

भरी महफिल में कोई आप सा नहीं लगता !

तू ना चाहकर भी, कुछ इस तरह शरीक है मुझमें,

जिस्म से दूर है,मगर,दिल से जुदा नहीं लगता !!

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28 APR 2024 AT 15:32

मैं भी हर शख़्स से अब वास्ता बदल लूंगा !
मैं बीते वक्त में गुजरी हुई दास्ताँ बदल लूंगा !
वो कितना और बदलेगी,इससे सरोकार नहीं मुझको,
मैं मोहब्बत नहीं बदलूंगा,मगर अब रास्ता बदल लूंगा!!

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