Mukul Thakur   (MUKUL THAKUR)
70 Followers · 61 Following

I am a poet...By almighty's grace
Joined 7 May 2018


I am a poet...By almighty's grace
Joined 7 May 2018
15 MAR AT 12:49

नहीं आता ?? तो सीखो
आपका दुलारना, संवारना और पुचकारना
सब का मतलब बदल जाएगा
जो तुम जतन करते हो न प्यार का
वो आधी मेहनत में भी चल जायेगा
सच तुम्हारा कुछ और है तुम्हारे सगे की और
तेरा जीवन कुछ और है तेरे अपनों का और
माना सही है तू ज़िन्दगी के हर कदम पर
तेरे अपने क्यों तेरे संग नहीं आते?
करता है सब कुछ जिनके लिए तू
तेरे ही साथ अक्सर क्यों खार हैं खाते?
बात बहुत आसान है भाई
समझ सको तो समझ लो
बुरा वातावरण बुरी संगत,
हो सके तो खुद को बचा लो
बचा सकते हो खुद की मासूमियत को?
मगरुर होने के बाद कभी?
बचा सकते हो रिश्तों की रूमानियत को?
खो देने के बाद कभी?

-


24 FEB AT 10:46

How more and more respect can I earn
Which, since childhood I yearn
Striving to impart life a positive turn
I am getting crushed and getting churned.

-


23 FEB AT 18:36

तुम लौट के नहीं आओगी
मालूम है मुझे
फिर भी इतना सुनती जाना
तुम्हारी जुदाई के जख्म भरने का
इलाज़ तुम देती जाना

गलती हुई जो तुम पे आया
ये मासूम दिल मेरा
धड़कन बन गई थी तुम जब टूटा
ये मासूम दिल मेरा

चलो माना कुछ कम हैं हम
मगर तुम भी ज्यादा नहीं
तुम्हें कम समझ तुम्हें ज़लील करने
का कभी था इरादा नहीं

तुमने क्या सोचा क्या समझा
मेरा हक़ नहीं ये जानने का
मगर शायद मैं क़ाबिल नहीं तुम्हारे
कोई हक़ नहीं तुम्हे भी ये मानने का

भगवान तुम्हे साक्षात महादेव दे
मेरी यही कामना है
मगर क्या तुम सती की शक्ति हो
ये खुद तुम्हे जानना है ।


-


21 FEB AT 11:52

7 vows to be followed
7 hells to get rid of
What is there to get
And to be afraid of?

-


20 FEB AT 17:27

गली में आऊंगा तेरे मैं
हर वक़्त, जीते जी रहूंगा मजनू बनकर,
मौत के बाद फिज़ा बनकर

-


20 FEB AT 12:17

बिगड़ी बनाने खुदा के पास
बिलखते हैं सभी, तक़दीर बन जाए
तो खुदा याद नहीं आता

-


19 FEB AT 23:34

कहता है एक दीवार दूसरी दीवार से
आ चुके हैं रंग तेरे रोज के पुचकार से
रहते हैं परेशान हम चिपके हुए सदा
लगता है अब हम हैं रुके हुए बीमार से

-


19 FEB AT 23:33

कहता है एक दीवार दूसरी दीवार से
आ चुके हैं रंग तेरे रोज के पुचकार से
रहते हैं परेशान हम चिपके हुए सदा
लगता है अब हम हैं रुके हुए बीमार से

-


12 FEB AT 12:14

अपनेपन का एहसास भी दिलाया था तुमने
तन्हा रुसवा छोड़ कर जा रहे हो तो जाओ
मगर उम्र भर दोस्ती में रहना सिखाया था तुमने

-


7 FEB AT 21:32

आज मेरा बदला पूरा हुआ। और आज ये आंसू वही हैं जो 12 साल पहले थे। बाबा के शराब ने बहुत बुरा हाल कर रखा था हमारा, बाबा ने मेरे बचपन को मानो कभी देखा ही नहीं। मां के चेहरों पर घाव के निशान कभी कभी ही ठीक होते थे, मगर मां ने कोई शिकायत नहीं की। एक बार मां के साथ मैने भी पिटाई खाने में योगदान दिया। जान हलक तक आ गई थी। एक आंसू नीचे गिरा तो मैं ने उसे समेट लिया। मैं तो बाबा को पीछे से मारने के फ़िराक़ में था। मां ने पकड़ लिया और कहा "अरे बाबू इन्हें नहीं इनके अहम को मार। खुद को काबिल बना। आज उन्हीं राहों पर मेहनत कर कर के आज मैं IAS ऑफिसर बन गया। आज बाबा के लिए नए कपड़े लाया तो मां से गिड़गिड़ा के माफ़ी मांगने लगे। आज अहम टूट गया उनका।

खुशी के आंसू हैं मगर आज मैं अच्छे से रोना चाहता हूं।

-


Fetching Mukul Thakur Quotes