एक भार वापस आ के मेरा दर्द देख ले अगर तुझे भी रोना ना आ गया और तू भी सोच में ना पढ गई कि तू मुझे क्यों छोड़ के गई थी कसम से वापस चली जाइयो तुझे कुछ नही कहूंगा ।।
सच बताऊं तो छोड़ा नहीं है उसे और ना ही छोड़ सकता क्योंकि वो तो मेरे दिल में क्या मेरी रूह में भी बसी है बस नाराज हु उससे और उम्मीद में कि वो वापस आ के मना ले मुझे उसके बिना तो खुद से भी खफा हु मैं।।
सुबह सुबह एक सपना देखा कि वो मुझे छोड़ के जा रही है और मैं रो रहा हु और इतने में ही अलार्म बज गया और अलार्म की लाइंस थी लंबिया जुदाईयां हिस्से साढ़े आयियां रब्बा वे मोहब्बतान तू कु बनाइया और फिर याद आया की वो तो कबकी मुझे छोड़ के जा चुकी है ।।
सच बताऊं तो कोई लड़ाई झगड़ा नहीं हुआ हमारे बीच जाने अनजाने में उसने मेरा दिल दुखा दिया या उससे ज्यादा उम्मीदें करके मैंने खुद का मैं इंतजार में रहा कि अगर यह रिश्ता दो तरफा होगा तो उसका कॉल या मैसेज जरूर आएगा और वो शायद इस इंतजार में रही कि मुकुल हर बार की तरह वापस आएगा
The truth is जब मेरी मोम गुजरी तो भी मेने अपनी आंखो से आसू नही निकलने दिए और अब जब वो मुझे छोड़ के गई उसके नाम के आगे से भी दिल हटाने के कारण मैं पता नही कितने घंटे रोया ।।
अगर छोड़ के जाना था तो पहले बता देती मेरी जान एक क्या हजार वजह दे देता पर जाते जाते अपने साथ मेरी जिंदगी भी तु ले गई अब बस इंतजार है मुझे मेरी मौत का और इस दर्द से राहत का ।।
वो छोड़ के गई तो मैने लिखना भी छोड़ दिया क्योंकि जो मेरी शायरियां थी वो सब दर्द का इकरार था प्यार का वो दर्द जो मीठा होता है पर जाते जाते वो जख्म दे गई और जख्मों को अल्फाजों में बया नहीं कर सकते उन्हें बस दिखा सकते है ।।