हम मर्ज ए मोहब्बत की दवाई चाहते हैं ,,
तेरे इश्क की गिरफ्तारी से रिहाई चाहते हैं ।।
और हमे यु,, रकीब के नाम से डराना छोड दो तुम ,,
यकीन मानो सनम ,, हम खुद तुम्हारी बेवफाई चाहते हैं ।।
बेखौफ होकर नज़दीकियां बड़ा सको तुम गैर से ,,
इसीलिए सनम हम तुम्हारी और हमारी जुदाई चाहते हैं ।।
और मोहब्बत मैं अगर तुमने हिसाब मांग ही लिया है,, तो ध्यान से सुनो ,,
तुम पर खर्च की गई,, हम भी अपनी कमाई चाहते हैं ।।
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