क्षमा बड़न को चाहिए छोटन को उत्पात का रहीम हरि को घट्यो जो भृगु मारी लात - मुकुल
क्षमा बड़न को चाहिए छोटन को उत्पात का रहीम हरि को घट्यो जो भृगु मारी लात
- मुकुल