"हिन्दी में शब्दों का चयन देखिए:-"
एक सज्जन से पूछा - भाई जी कहाँ थे ? काफी दिनों से दिखाई नहीं दिये ?
उसने उत्तर दिया - पवित्र दीपावली- मास में शकुनी वृत्ति वश कौरव-पांडव धर्म-कर्म अनुसरण में मग्न था। श्रीकृष्ण जी की जन्म स्थली की यात्रा और कुछ दिन कृष्ण जन्म स्थान पर निवास करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था!
हमें वह सज्जन बहुत ही धार्मिक, आध्यात्मिक प्रतीत हुए।
सारांश तो बाद में पता चला कि :- "जुआ खेलते हुए पकड़े जाने के कारण, जेल में बंद थे।"
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"हिन्दी में शब्दों का चयन देखिए:-"
एक सज्जन से पूछा - भाई जी कहाँ थे ? काफी दिनों से दिखाई नहीं दिये ?
उसने उत्तर दिया - पवित्र दीपावली- मास में शकुनी वृत्ति वश कौरव-पांडव धर्म-कर्म अनुसरण में मग्न था। श्रीकृष्ण जी की जन्म स्थली की यात्रा और कुछ दिन कृष्ण जन्म स्थान पर निवास करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था!
हमें वह सज्जन बहुत ही धार्मिक, आध्यात्मिक प्रतीत हुए।
सारांश तो बाद में पता चला कि :- "जुआ खेलते हुए पकड़े जाने के कारण, जेल में बंद थे।"
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ठंडक में रजाई ढूंढते हैं लोग,
बिन मेहनत कमाई ढूंढते हैं लोग,
जहन धोखेबाजी से बना है सबका,
मगर, सबमें वफाई ढूंढते हैं लोग।।
अदालत में सबको मुजरिम बता के,
अपने ज़ुल्मो की रिहाई ढूंढते हैं लोग।
खुद का मन झूठा मकान है ,
दूसरों में सच्चाई ढूंढते हैं लोग।।
गैरों को गम दिया बड़ी आसानी से,
अपने जख्मों की दवाई ढूंढते हैं लोग।।
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आप सभी को बताते हुए बड़ा
हर्ष हो रहा है कि विद्यालय स्तर
पर पूर्व छात्र - छात्राओं का दीपावली
मिलन समारोह का आयोजन किया
जा रहा है , जिसमें आप सभी की
उपस्तिथि अपेक्षित है ।
स्थान : विद्यालय परिसर , मो. बडोदिया
समय : प्रातः 10 बजे
दिनांक: 28 अक्टूबर 2022-
♻ हेलमेट पहनने के फायदे ♻
1. उधारी वाले नहीं पहचान पाते।
2. दुश्मन नहीं पहचान पाते।
3. पुलिस परेशान नहीं करती।
4. गंजापन भी छुपा सकते हो।
5. घर वापसी के समय उल्टा करके
आलू -प्याज- टमाटर रख लो।
6. चश्मे की कोई जरूरत नहीं।
7. किसी को नमस्ते करने की जरूरत नहीं।
क्योंकि करोगे तो पहचानेगा नहीं।
8. गाड़ी बिगड़ने पर उसे स्टूल बना लो।
9. आपत्तिकाल में यमराज
भी नहीं पहचान पाएंगे और आपको
छोड़ कर आगे बढ़ जाएंगे ।-
आज हमारे देश के मिसाइल मैन डॉक्टर ए.पी.जे अब्दुल कलाम जी के जन्म दिवस पर विद्यालय परिवार ने बच्चों को उनकी जीवनी के बारे में बताया और उनके पद चिह्नों पर चल कर सच्चा देश भक्त कैसे बना जाय यह बताया ।
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कभी भी ये सोचकर न रहें की
मेरे बिना किसी का काम नहीं होगा ।
ये कलयुग है यहां ताश का पत्ता गुम होने पर ,
लोग जोकर को बादशाह बना लेते हैं-
जुगनू की बद्दुआ से अंधेरा हुआ है क्या
तुमको किसी गुमान ने घेरा हुआ है क्या
सूरज को कटघरे में खड़ा कर रहे हो तुम
मुर्ग़े के बोलने से सवेरा हुआ है क्या
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अम्बर से धरती पर कोई डाल रहा है डेरा चाँद,
और चाँदनी के संग लिपटा बुनता कोई सबेरा चाँद,
मुझे पता है जिस पल भी सजधजकर बाहर निकलेगा,
इन सबकी छुट्टी कर देगा एक अकेला मेरा चाँद।
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“मनुष्य की आर्थिक अवस्था का सबसे ज्यादा असर उसके नाम पर पड़ता है। मौजे बेला के मँगरू ठाकुर जब से कान्सटेबल हो गए हैं, इनका नाम मंगलसिंह हो गया है। अब उन्हें कोई मंगरू कहने का साहस नहीं कर सकता। कल्लू अहीर ने जब से हलके के थानेदार साहब से मित्रता कर ली है और गाँव का मुखिया हो गया है, उसका नाम कालिकादीन हो गया है। अब उसे कल्लू कहें तो आंखें लाल-पीली करता है। इसी प्रकार हरखचन्द्र कुरमी अब हरखू हो गया है।”
‘बलिदान’ मुंशी प्रेमचंद
मानवीय जीवन के कुशल चितेरे मुंशी प्रेमचंद की पुण्य तिथि पर उन्हें सादर नमन
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