अजीब सिलसिला था.....
.....उस दोस्ती का भी साहेब
जो कुछ दूर तक चला और....
...ओर इश्क में न बदल सका...-
किसी को हम अजूबों से बिछुड़ जाने का कोई ख़ौफ़ ना हक है तो ना हक है , हमें ख़ुद भी नहीं मालूम हम कौन हैं और किस जगह पर है भला कौन है जो हमसे अफ़ज़ल है भला हम किस से बेहतर है परिंदे है तो फिर अपनी उड़ाने क्यों मुकदर है, किसी भी रास्ते पर पैर रखें एक ही मंजिल पर कैसे जा निकलते है , हमें देखो हमारी आँख से आँसू की जगह क्या निकलते है ,खुदा होता है होगा पर हमें इतना पता है तुम हमारे हो , ये हँसते खेलते क़स्बे कही विरानियो के घर ना बन जाए वक्तन फर वक्तन हमें चुमते रहना कही हम पत्थर ना बन जाए
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क्या हुआ !
जरा सी कैद में घुटन होने लगी है?
तुम तो परिंदे पालने के बहुत शौकीन थे !-
कुछ चीजें कमजोर हिफाजत में भी महफ़ूज रहती है ....जैसे मिट्टी के गुलक में लोहे के सिक्के...!
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वैसे कोई वजह नहीं है नाराजगी कि ,बस ज़िद में यूँ ही नाराज हुएँ बैठे है , गाँव में सब कुछ अपना था, बस शहर में किराएदार बन बैठे है...!
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अब मैं राशन की कतारो में नज़र आता हूँ,
अपने खेतों से बिछुड़ने की सजा पाता हूँ....!-
शहर में खुशीयां ढूंढने निकले थे,
गाँव का सुकून भी गवा बैठे ....!
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Me ~ Other~
7feb- Algebra 7feb-rose day
8feb-Percentage 8feb-Propose day
9feb-profit & Loss 9feb-chocoleteday
10feb-Geometry 10feb-Teddy day
11feb-Mensuration 11feb-Promise day
12feb-Trigonometry 12feb-kiss day
13feb-Simple interest 13feb-Hug day
14febAverage 14feb-valentine's day
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रहनुमाओं की अदाओं पे फ़िदा है दुनियां,
इस बहकती हुई दुनियां को सँभालो यारों...!-