MUKESH PRAJAPAT   (मुकेश राजस्थानी)
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Joined 5 May 2019


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2 APR 2023 AT 17:04

कइयां देवा ओलबों थानें,
मारे हिवड़े री गणगौर
तू है मारे मन की मोरनी और,
मैं थारे मन को मोर

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9 MAR 2023 AT 14:47

राम नाम सुमरयों ओर मनडे र माय राखो धीर
संकट सगळां मिट् जावेला, आवेला जद रघुवीर !!

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13 OCT 2022 AT 21:08

सजना है पिया तेरे लिए आज की रात में
जन्म जन्म तक रिश्ता निभाना है साथ में
तुम्हारी लंबी उम्र के लिए किया है व्रत आज
तुम्हारी हां में हां है अब जीवन की हर बात में

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29 SEP 2022 AT 20:51

मोहब्बत तो घणीं ही थारा सुं मनें
पण थुं मनें कदे समझों ही कोनी
रोज बाट जोवतों हो में थारी पणं
थे म्हारी तरफ कदेई देख्यों ही कोनी

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18 SEP 2022 AT 18:26

समेट लिए हैं मैंने कदम अपने
छोड़ दूं मैं सब ख्वाबों के सपने
पास आकर भी जिंदगी में यूं ही
मुंह मोड़ कर चले गए सब अपने

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10 SEP 2022 AT 16:04

कुछ तो राज है तेरे इश्क के दीवाने में
पागल हुए पड़े हैं तेरी एक रूंह पाने में
दिल खोल कर रखे हैं सब लोगों ने अपने
तड़प रहे हैं दिल लोगों के तुझे आजमाने में !

यह मोहब्बत है या कोई सपना है जिंदगी का
सब लगे पड़े हैं बस अपनी ही चाह मिटाने में !!

उसूल सब के अलग है जीवन जीने की राह में
कमबख्त पत्थर सा दिल बना लिया है मैंने अपना
छोड़ दिए सब आशियाने जो महफूज थे मेरे लिए
भटक रहा हूं मैं भी अब अपना ही घर बसाने में !

बस एक ही उम्मीद आखरी है तुमसे जीवन में
क्या कीमत लगाएं तुझ संग स्वयंवर रचाने में !!

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18 AUG 2022 AT 21:09

शूरां चढ़े रणं मांय अर,
रांडिया छिपे घर क मांय
कलंग लाग्यो सर माथे,
दुधा धोया कदें न जाय !!

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15 AUG 2022 AT 11:03

आजादी का परचम हर तरफ फहराएंगे
अब हर घर घर शान से तिरंगा लहराएंगे

देश की आजादी के खातिर लड़ने वाले
वीर शहीदों की कुर्बानी की अलख जगायेंगे

अब हर घर घर शान से तिरंगा लहराएंगे
वतन पर मिटने वालों की अमर कहानी
इतिहास के पन्नों में स्वर्ण अक्षरों में छपवाएंगे

अब हर घर घर शान से तिरंगा लहराएंगे
देश के हर गांव गांव में हर शहरों में अब
देशभक्ति और स्वाभिमानी की ज्योति जलाएंगे

अब हर घर घर शान से तिरंगा लहराएंगे
आजादी की खातिर लड़ने वाले वीरों की
मान सम्मान हर भारतीय के मन में जगायेंगे

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5 AUG 2022 AT 13:39

जिंदगी की भाग दौड़ में एक तू ही हमसफर है
लाख बुराइयां होगी मुझ में फिर भी बेखबर है |

मेरी तंहा जीवन का तुमसे यह रिश्ता बेअसर है
जिंदगी की भाग दौड़ में एक तू ही हमसफर है ||

छूट गए लाखों दोस्त पुराने इस जिंदगानी में
सब कुछ लुटा दिया तूने मेरी ही दीवानी में ,

अब तुझसे ही मेरे जीवन का बाकी का सफर है
तू ही मेरी जिंदगी का सबसे बड़ा हमसफ़र है ||

सहज नहीं है यह जीवन अपना तुम्हारे बिन
देखता हूं निगाहें पर कर बस तुम्हें ही हर दिन ,

लोगों की अटकलों का ध्यान भी बेखबर है
एक तू ही मेरी जिंदगी का सच्चा हमसफ़र है ||

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17 JUL 2022 AT 18:41

हवाएं जाकर उसको मेरा पैगाम देदे
खुशियों से भरी हुई एक शाम देदे !
कभी लिपट कर बताएंगे हम उनको
याद तो आ जाओ इस जिंदगी में,
या भूलने का छलकता जाम दे दे !
रह जाए कसर कहीं पर कभी तो,
इन दिल पर तुम्हारा एक नाम दे दे !!

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