Mukesh Muskan  
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Joined 29 March 2019


Joined 29 March 2019
14 JAN 2022 AT 12:31

आपको एवं आपके समस्त परिवार को हमारी एवं हमारे परिवार की से मकर संक्रान्ति की हार्दिक शुभकामनाएं एवं ढेर सारी बधाई🙏🙏

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10 JAN 2022 AT 22:35

Use your superpowers to protect yourself and your loved ones this holidays season:
↔️ Keep a safe distance
🪟 Open windows
😷 Wear a mask
💪 Cover sneeze/cough
👐 Clean your hands
💉 Get vaccinated as soon as it's your turn

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1 JAN 2022 AT 11:21

फुर्सत में भी फुर्सत नहीं मिली उन्हे हमे याद करने की,

आजकल हम किसी के लिये इतने फ़िज़ूल हो गये।।...

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1 JAN 2022 AT 10:09

नव वर्ष की आपको और आपके परिवार को हार्दिक शुभकामनाएं🙏🏻💐💐🌹🌹

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1 JAN 2022 AT 8:23

आपको अंग्रेजी नव वर्ष 2022 की हार्दिक शुभकामनाएं। ईश्वर करें कि आप सभी की शुभिच्छाएँ इस वर्ष पूरी हो, आप सभी कुशल मंगल एवं स्वस्थ रहें। याद रखें हम सभी के जीवन में उतार-चढ़ाव आते हैं, पर बिना हिम्मत हारे हम सभी को संघर्ष कर आगे बढ़ते जाना है। लव यू ऑल।
🙏🙏❤️🙏🙏

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1 JAN 2022 AT 7:43

हम दुआ करते हैं कि इस नये साल कि
हर सुबह आपकी उम्मीद जगायें,
हर दोपहर विश्वास दिलाये,
हर शाम खुशिया लाये,
और हर रात सुकून से भरी हो.
नये साल की हार्दिक शुभकामनाएं.
Happy New Year 2022

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31 DEC 2021 AT 21:37

💕 जिन्दगी का एक और वर्ष कम हो चला,
कुछ पुरानी यादें पीछे छोड़ चला..💕
जब ,,
💕 कुछ ख्वाहिशें दिल में रह जाती हैं..
कुछ बिन मांगे मिल जाती हैं ..💕

💕 कुछ छोड़ कर चले गये..
कुछ नये जुड़ेंगे इस सफर में .. 💕

💕 कुछ मुझसे बहुत खफा हैं..
कुछ मुझसे बहुत खुश हैं.. 💕

💕 कुछ मुझे मिल के भूल गये..
कुछ मुझे आज भी याद करते हैं..💕

💕 कुछ शायद अनजान हैं..
कुछ बहुत परेशान हैं..💕

💕 कुछ को मेरा इंतजार हैं ..
कुछ का मुझे इंतजार है.. 💕

💕 कुछ सही है ,,
कुछ गलत भी है .. 💕

कोई गलती हो तो माफ कीजिये और
कुछ अच्छा लगे तो याद कीजिये।💕
🙏🏻💐
💕💕 Happy Last Day of Year 💕💕

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31 DEC 2021 AT 21:27

बीस इक्कीस का फ़र्क भुलाकर
इक्कीस बाईस करना है....

आने वाला कल😊

31.12.2021

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29 DEC 2021 AT 19:03

बंसी सब सुर त्यागे है
एक ही सुर में बाजे है
हाल न पुछो मोहन का
सब कुछ राधे राधे है ।

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29 DEC 2021 AT 9:04

वो पुराने दिन
वो सुहाने दिन
आशिक़ाने दिन
ओस की नमी में भीगे
वो पुराने दिन

दिन गुज़र गए
हम किधर गए
पीछे मुड़ के देखा पाया
सब ठहर गए
अकेले हैं खड़े
क़दम नहीं बढ़े
चल पड़ेंगे जब भी कोई
राह चल पड़े

जाएँगे कहाँ
है कुछ पता नहीं
कह रहे हैं वो
कि उनकी है ख़ता नहीं

वो सुहाने दिन
आशिक़ाने दिन
ओस की नमी में भीगे
वो पुराने दिन…

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