आँखों से नादान, दिल में है शैतान
किसकी नीयत साफ़, कौन नहीं बेईमान
सबने डाले मुखौटे, कैसे हो पहचान
जाल बिछा दो सारे, खाली है मैदान
बेकसूर छुप जाएँ, शासक है हैवान
क्रूरता राज करेगी, हुआ यही एलान
लो कौड़ी के भाव, बिक रहा ईमान
जीना हुआ है मुश्किल, मरना जाना आसान
पशु हुए शर्मिंदा, पशु हुआ इंसान
बुरे वक्त में "अचेतन", हर कोई अनजान
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