जिंदगी कुछ अजीब सी लगने लगी है,
ये दौर का असर है या उम्र की भूल बनी है?-
Mukesh Kumar
(Kumar)
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I always try to convey meaning in a few words.
Joined 22 January 2018
22 APR AT 17:04
20 APR AT 23:26
अपनों से प्यार की अभिलाषा खोती गई,
जब-जब जीने की चाह हुई, निराशा होती गई।-
20 APR AT 22:53
कायनात देखों आ रही हिसाब लेने
शायद पिछले कुछ अभी के कर्मों का जवाब क्यामत से देने-
7 FEB AT 21:46
एक पहचान पाने की खातिर,
जो था गंवा बैठे, वो भी…
ये दुनिया निकली बड़ी शातिर।-
6 FEB AT 22:27
ख़ुद नजर से गिर पड़ा
शर्मिंदगी में डुब सोचने लगा
अंधा गुंगा तू बधिर बड़ा-