गर तोहफ़े में वक़्त दूँ ,
चलेगा क्या !-
Mukesh Joshi
(Mukesh Joshi)
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A Writer
Joined 31 May 2017
28 APR 2020 AT 21:58
मुस्कुराहट रख दी थी क्या
तुमने क़िताबों में ?
" ढूँढो ज़रा, अब वो नज़र नहीं आती ! "-
24 MAR 2020 AT 21:28
गुससुम क्यों हो जानेमन ?
कोई शेर कहो !
चुप-चुप क्यों है पागल मन ?
कोई शेर कहो !!-
9 NOV 2019 AT 12:04
जब ना हम जीते, ना तुम हारे हो !
जब ये देश हम सबके सहारे हो !
इमामे हिन्द 'राम' तो सबके हैं ।
हम भी तुम्हारे हैं, तुम भी हमारे हो ।-
20 SEP 2019 AT 16:48
चाय के बिना बाक़ी सब कुछ फ़िज़ूल है !
चाय मिले अगर तो जहन्नुम कुबूल है !!-
11 SEP 2019 AT 21:18
ये खाली बोतलें ..
तो एक दोस्त की हैं !
तुम्हें तो पता है ना
मैं शराब नहीं पीता !-