Mukesh Gaurkar   (i_thaught_it_100_times)
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Joined 28 October 2020


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Joined 28 October 2020
15 NOV 2020 AT 11:58

यार नहीं तू भाई था,
प्यार नहीं तू हम सब की मोहब्बत था!
करोड़ों लोगोंकी इस जहां में,
तेरा साथ जान से प्यारा था!
अगर तुझे वापस पाना हमारे हाथ में होता,
तो हम मैं से एक एक जन उस भगवान से भी लड़ जाता!

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6 NOV 2020 AT 8:20

आवारा सा बादल गरजने लगा,
हाल ए दिल बयां करने लगा !
शायद इतना भी अच्छा नहीं था उसका बीता कल,
इसलिए खुद पिघल कर बारीश बन गया !!

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29 OCT 2020 AT 8:32

रातों की रागिनी थी हमारे पास,
फिर भी हाथ में लालटेन लिए सच्चा प्यार खोजना था!
गजब दिन थे,अजब सा नशा था,
कैद कर खुदको,
ये संसार देखना था !!

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28 OCT 2020 AT 18:54

लिहाला सुचत नाही तेव्हा ना.............
तुझी आठवन येते,
मग माहीत नाही मनातिल भावना शब्द स्वरूपे ओठांवर कवितेची एक ओड घेऊन येते !

या अस्थिर मनाला विस्याव्याचे काही क्षण देऊन जाते,
तुझ्या बद्दल लीहता लिहता माझी कोरी वही पण पूर्ण लिहून भरते !

हीच परिस्थिती असते जेव्हा मला
काही लिहाला सुचत नसते !!

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28 OCT 2020 AT 16:29

धड़कन धड़कन साथ है,
बेहतरीन हर एक बात है ।
ऐसी नशा है इस चांदनी रात मैं,
गुम हो गया हूं तेरी याद मैं,
फिर भी न जाने तू कहा है !!

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28 OCT 2020 AT 16:07

लाख बुराई है इस जमानेमे,
कोई एक हो तो बताऊ ...।
पर तेरी ये जो हसी है,
उसी के सहारे मैं लाख क्या,
करोडोसे से अकेला लड़ जाऊ !!

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28 OCT 2020 AT 11:48

वो हमारे पास थे, हम भी उन्हके साथ थे।
फिर भी फासला न जाने बढ़ सा गया,
बात बस इतनी सी थी,
हमारा दिल उन्हके ,
पर उन्हका दिल किसी और के पास था !!

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28 OCT 2020 AT 11:03

साथ थे साथ रहेंगे बस,
बात बस इतनीसी है...।
पहले तुम्हारे बारें में सोचा करते थे,
अब से बस काम निकालेंगे !

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