ज़ख्म दिल के तुम्हें दिखाऊ तो कैसे
सारी दुनिया से तुम्हें छुपाऊ तो कैसे
नजर आ जाती है तू सबको मुझमें
तुझे इस तरह समाय रहता हूंँ मैं खुदमें
तेरे बिना जिंदगी जीना ना गवारा होगा कभी मुझे
तू नहीं तो जिंदगी में कुछ भी ना होगा मेरे लिए
सांँसो में मेरे हर पल बस्ती है तू मेरे ये जाने ले तू
तेरे बिना एक पल भी ना जी सकूंगा ये मान ले तू
जिस्म में मेरे तू रूह बनकर रहती है इस तरह से
जैसे तू समा गई है मुझमें एक जान की तरह बनके
तुम्हारे बिना मेरा भी शायद कोई वजूद ना होगा
तू अगर मेरी ना हुई तो जिंदगी में कुछ भी ना होगा
जिंदगी को तेरे बिना ना जी सकेंगे हम ये मान लिए
तुझे खुद में बसाते फिरते हैं हम ये हम मान लिए-
तुमको देखा तो गुजरा जमाना याद आया
आंखों में मेरे फिर वो सारा मंजर नजर आया
चाहत में गुजारे वो पल मिलकर जो हमने
हर एक पल वो सामने मेरे फिर नजर आया
चाहत को मेरे हर तराजू से नापा था तूने
मेरे प्यार को हर इम्तिहान से गुजारा था तूने
तेरे हर एक सवाल का जवाब तो दिया था हमने
फिर भी हंसकर मेरे सीने पर खंजर मारा था तूने
हर एक जख्म से खुद को निजाद दिला दी थी
अपने आंखों से आंसू को भी तो सुखा दी थी
प्यार को फिर भी चाहकर ना मिटा सके हम
तुमको देखा तो खुद को फिर से पा लिए हम-
बेपरवाह इश्क़ मेरा कुछ मानता ही नहीं
तेरे आगे किसी और को पहचानता नहीं
बंद आंँखों से भी तुझे महसूस कर लेता है
तेरी ओर दिल खुद ब खुद चला जाता है
बेपरवाह इश्क़ मेरा किसी से भी डरता नहीं
जमाने की बंदिशों को भी कभी मानता नहीं
किसी के भी झुकाने से कभी झुकेगा ये नहीं
महबूब के सिवा किसी को खुदा मानता नहीं
बेपरवाह इश्क़ मेरा उसकी ओर खींचा जाता है
वो ज़हां भी हो किसी हाल में भी पहुंँच जाता है
प्यार करना कोई जुल्म नहीं होता है ये जानकर
सारी दुनियावालों से लड़कर प्यार सिखा जाता है-
ये सर्द रातें ही तो तुझे मेरे पास लाती है
बाहों में सिमटकर मेरे हर रात तू बिताती है
लिपटकर चलती है साथ मेरे तू इस तरह
हवा भी ना गुजर पाए दरमियां किसी तरह
बारिश का बहाना लेकर सिमट आती हो
मेरे ही छाते में आकर मुझसे लिपट जाती हो
बारिश का भी असर तब कुछ होता ही नहीं है
तेरे सिवा मुझे तब कुछ नजर आता ही नहीं है
इन्हीं यादों के सहारे हर मौसम गुजार लेते हैं
ये सर्द रातें ही तो हमें जिंदगी जिया जाते हैं-
मन में एक सवाल जब उठती है
दिल बेचैन सा मेरा हो जाता है
क्या अब भी मेरा उसे इंतजार है
दिल चाहकर भी उसे भूलता नहीं है
उसकी यादें दिल से मेरे मिटी तो नहीं है
ये बताने को किसी को जरूरत भी नहीं है
फिर भी लोग मुझ पर तरस क्यों खाते हैं
मेरे प्यार की गहराई को हर पल क्यों नापते हैं
उसके बिना भी तो जी रहा हूंँ साथ सभी के
फिर भी क्यों मुझे सब अकेला समझने लगे हैं
उसकी यादों में खोया रहता हूंँ शायद इसलिए
सबके मन में बस यही सवाल उठती रहती है-
यादों को मिटाकर जीने की कोशिश करते रहे
जिंदगी को हमेशा हम मरमर कर ही जीते रहे
उनकी तस्वीरें रूह में बस गई है हमारी शायद
फिर भी उसे अश्कों से मिटाने की कोशिश करते रहे
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सारे जहांँ को कर दे उजियारा दिपक इतना जलाए हम
दीपों की है यह त्यौहार हमारा सारे जग में दीप जलाएंँ हम
हो रोशन तन और मन हमारा प्यार का ऐसा दीपक जलाए हम
दीपों की दिवाली हो मुबारक आपको दिल से दिल अपना मिलाए हम-
दुनिया झूठ की बातें अक्सर मानती हैं
सच को हमेशा ही झुकाना क्यों चाहती हैं
सच कभी झुका नहीं झूठ के आगे सब जानते हैं
फिर भी अपनी झूठी बातें मनवाना क्यों चाहती है
दुनिया झूठ की बातों को पल में यकीन कर लेती है
सच बोलने वालों की बात को क्यो नहीं सुनती है
सच बोलने वालों को तड़पा कर क्या उन्हें मिल जाती है
आखिर एक दिन सर उन्हीं के आगे झुक जाती है
दुनिया झूठ की बातों से चलती है आज हम मान गए
सच बोलने वालों को हम अपने दिल में हैं दफना गए
अब और सच का साथ हमें देना आता ही नहीं है
दुनिया झूठ की है सच का साथ देना इन्हें आता नहीं है-
बहुत किया अपनों के लिए खुद के लिए ना वक्त रहा
जिंदगी बीत गई अपनों को अच्छा बनाने में
खुद के लिए कुछ भी तो अब पास मेरे न रहा
बहुत विश्वास था हमें अपनों पर खुद से भी ज्यादा
सारी उम्मीदें दिल की दिल में ही रहकर घूट गया
कोई ना रहा साथ मेरे सारे रिश्ते नाते हाथ से छूट गया
सब है मेरे अपने फिर भी मैं अकेला यहांँ रह गया
बोझ बन गया हूँ शायद मैं अपनों के लिए ही अब
इसलिए कोई भी अब मेरा कहने वाला यहांँ पर नहीं रहा
जिंदगी मौत दे दे अब मुझे जीने का कोई सहारा नहीं रहा-
मोहब्बत उसे भी थी पर वह हमसे जता ना सके
आंँखों में प्यार वो अपना हमें कभी दिखा ना सके
जानते हैं हम दिलों जान से वो हमें ही चाहते हैं
फिर भी उन्हीं के होठों में इजहार सुनना चाहते हैं
उनकी चाहत में पहले भी कभी शक तो था नहीं हमें
फिर भी हर वक्त क्यू वो आजमाते ही रहते हैं हमें
मोहब्ब्त उसे भी तो है हमसे बातें कब से जानते हैं हम
फिर भी ना जाने क्यों उसे बताने से डरते रहते हैं हम-