Mukesh Dhaka   (Mukesh)
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दिल तो बच्चा था...
हमने इश्क अलमारी
पर रख दिया...
Joined 24 October 2017


दिल तो बच्चा था...
हमने इश्क अलमारी
पर रख दिया...
Joined 24 October 2017
AN HOUR AGO

आसमान है कि है कोई मर्ज
जिस ओर ताका उस ओर गर्ज

रस्ते मिले
कुछ देर हंसते मिले
फिर
कहीं कुछ न था फर्क

"किसी ने चाहा और
तुमने छोड़ा,
तुम्हें दर्द....|
तुमने चाहा और
किसी ने छोड़ा, तो
तुम्हें दर्द ...|"

जिंदगी में हर एक ये
मोड़ आए
छोर आए
हर मोड़ पर कुछ छोड़ आए
खुद को झँझकझोर आए

कहीं कुछ न था फर्क
कहीं कुछ न है फर्क

-


27 APR AT 18:20

मिटता नहीं विचार तो लोग व्यक्ति मिटा देते है।
मिटता नहीं विचार तो लोग खुद को मिटा लेते है।

विचार ही संसार है
विचार ही आधार है
विचार ही उद्धार है

अच्छा भी विचार है
बूरा भी विचार है

यहीं तो संसार है
बीच भवँर ही पार है,
किनारे के ना कोई आसार है

ध्यान, अभिमान , ध्यान
शून्य, संसार, शून्य
मौत, जीवन, मौत

जीने का यह सार है।

-


24 APR AT 13:23

काफी हो गया...
कोई नहीं सुनता, और
तुमसे मनवा लेते है कि
तुम ही कुछ नहीं बोलते या कहते ,

है ना....😊

तो ,

"महनत करो,
अब से शिकायत मत करो,

बाद में सफाई मत देना
जो मन में आए करना।"
बेधड़क बेहया🙂

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22 APR AT 7:51



प्रकृति जाग उठी है, नई ऊर्जा से भर गई है,
फूल खिल गए हैं, हवा में खुशबू घुल गई है।

दिन की शुरुआत है, सफलता की राह पर चलना है,
हर चुनौती का सामना करना है, जीत हासिल करना है।


हर पल का अर्थ करना है, समय को निरर्थक नहीं करना,
लक्ष्य की ओर बढ़ते रहना है, सपनों को साकार करना।


तो उठो, चलो, नए जोश के साथ,
आज का दिन बनाओ, कल से भी ज्यादा खास।

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1 APR AT 12:05

वो कुछ यूं कहते थे
वो कुछ यूं कहते थे

थोड़ा दूर दूर रहा करो
थोड़ा दूर दूर रहा करो

वो जो बहुत दूर चले जाते है
वो कभी बहुत पास चले गए थे

वो कुछ यूं कहते थे
वो कुछ यूं कहते थे

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21 MAR AT 18:21

हवा की शिकायत है आंधियों से कि

"तुम शोर बहुत करती हो।
कि फिर तुम जब चली जाती हो तो
लगता है कि मै हूँ ही नहीं।

मैं पहले जैसी भी थी, पहले ठीक थी,

पर अब जब से तुम आकर
गई हो
मैं खुद में बहुत एकेली महसूस
करने लगी हूं,

ठीक है, अब से तुम मत आना,

ठीक है?"

हवा की शिकायत है आंधियों से कि,,,

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20 MAR AT 14:54

संघर्ष सच्चाई है
इस बिन अधूरी सब तेरी अच्छाई है

नाम तो जन्म से मिला
तेरी सफलता ही सच्ची कमाई है

कौन कहता वक्त लड़ाइयों का गया
सदा मन ही आखरी लड़ाई है

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9 MAR AT 19:46

जब दर्द बोलने लगे तो सुन लो.....

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8 MAR AT 19:49

किताब पढ़ने में वक्त लगता है,
किताब गढ़ने में वक्त लगता है,

पन्ने किताब लिए है काफी
लफ्ज पढ़ने में वक्त लगता है

किरदार सजाने की है तमन्ना
आफताब गढ़ने में वक्त लगता है

जीवन के शब्द है सबक
जगह मढ़ने में वक्त लगता है

वक्त वक्त, लफ्ज लफ्ज, दम दम
नाम फीका नाम का है,
फक्त होना इंसान यहां बिन काम का है,

रंग किरदार चढ़ने में वक्त लगता है

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6 MAR AT 22:36

खुद का कत्ल या खुदकुशी ?
तुम्हें क्या चलेगा,
देख, मरना तो पड़ेगा...।

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