Tum mujhme ho ya main tujhme huin,..
Ye shakk tera door kar deta huin,..
Tum mujhme ho or
Main tujhme huin...-
तू मुझसे मिला पर तेरा इनाम बाकी रह गया,.
तेरे होंठो पे बस मेरा नाम बाकी रह गया,.
तेरी निगाहों में मेरी कीमत थी, मेरी निगाहों में तेरा दाम बाकी रह गया,.
तूने इश्क़ की मय पी जी भर के, बस मेरा ही जाम बाकी रह गया,.
एक काम बाकी रह गया,
तेरा आना जाना बेवजूद था, फिर भी मेरा सलाम बाकी रह गया,.
तेरा तो मेरे दिल में था आशियाना, मेरा ही तेरे दिल में कयाम बाकी रह गया,.
तेरी गुफ्तुगो तो मुकम्मल हो गई, बस मेरा पयाम बाकी रह गया,.
वोह न समझा तेरी वफ़ा ए उल्फत को, सूफियान तेरा ये कवाम बाकी रह गया,.
एक काम बाकी रह गया,-
ऐ ज़िन्दगी बहुत टूट सा गया हूं,
जी रहा हूं मगर मर सा गया हूं,.
तेरे जाने से इस क़दर बेचैन हूं,
तुझे ढूंढ़ते ढूंढ़ते खुद खो सा गया हूं,.
दर्द दिया तूने मुझे या मैंने दिया तुझे,
इसी कशमकश में उलझ सा गया हूं,.
देख न आके मुझे तेरे जाने के बाद,
खुद के आंसू के दरिया में बह सा गया हूं,.
सूफियान रोज़ शब ए ग़म गुज़ार गुज़ार के,
इन सियाह रातों से सहम सा गया हूं,.-
बेरुखी तूने जिस तरह दिखाई है,
वल्लाह जैसे मेरे दिल में आग लगाई है,.
छोड़ के दूर जाना आसान समझती हो,
फिर क्यों मुहब्बत की जान की बाज़ी लगाई है,.
है टूटे सपने टूटे वादे सारे,
लेकिन तुमने अपनी ही ज़िद अपनाई है,.
किसी के जज़्बात से खेल के ख़ुश होती हो,
इश्क़ क्या अजब तरीके से तमाशाई है,.
रुला के दिल को छन्नी कर दिया रूह को,
किस तरह मेरे खून से तू आज नहाई है,.
है थोड़ा सा मोहताज 'सूफियान' तेरी शिफा का,
इस बीमार के लिए बस यही दुआ और यही दवाई है,.-
आज कुछ बदला बदला सा एहसास है,
आज मैं तेरे पास हूं, या तू मेरे पास है,
लगता है मेरा दिल भी, तेरा हो गया है आजसे,
न जाने ये एहसास मेरा, तेरे लिए कितना खास है,
ये हवा के झूंके, इस तरह मुझे मेहका रहे हैं,
लगता है इनमें घुली, तेरी मीठी सी सास है,
देखूं तुझे तो, देखता जाऊं बराबर,
कम नहीं होती, अजब ही आंखो ये प्यास है,
हो शिफा, सुफियान को भी अब मयस्सर,
तेरे इश्क़ की बीमारी में ये बद हवास है ,-
मेरे ख्यालों में आज फिर, वोह तस्वीर उभर आयी है,
एक अरसे बाद दिल-ए-मायूस में ये पहर आयी है,...
करके बर्बाद मुझे अपनी, बे वफ़ा-ए-उल्फत में,
किस कदर तेरे चेहरे पे, ये खुशी निखर आयी है,...
दे के दर्द ए कल्ब, है कितने तू सुकून से,
यहां तो कितनी गम-ए-शाम-ओ-सहर आयी है,...
तेरे जाने का गम था, मैं भूला बिसरा हुआ,
फिर दिल में तेरे याद की लहर आयी है,...
रोज़ शब ए गम में रहता हूं डूबा हुआ सा,
तेरे न होने से जैसे, ये ज़िन्दगी बिखर आयी है,...
छोड़ ' सुफियान ' उस बेवफ़ा यार कि बाते अब,
तेरी मुहब्बत की बातें, उसके दिल में बे असर आयी है,...-
आज तुझे कुछ बताना है,
खेल के मेरे दिल से तूने,
मुहब्बत नाम देना, वाह! क्या अजब तेरा बहाना है,
छोड़ के तन्हा रास्तों में मुझे इस तरह,
वापस अपनी मंज़िल को तेरा, क्या खूब लौट जाना है,
बेताब बेकरार दिल को तसल्ली मिलती नहीं,
कब तक तेरा इस तरह खून के आंसू रुलाना है
है अधूरी ये ' सुफियान ' कि रुदाद-ए-गम,
यूं समझो बिन तेरे बस इतना सा ही फसाना है,...
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Tanhayun se hai mera ab wasta,
Chod diya mene pyaar ka rasta.-
Ye Barish Ki boonde Bhi,
Muhabbat Ki Nishani hai,
Aasman bhi Rota hai,
Apne Mahboob Ki yad me.-
HAI DARD JO QALB ME ZAHIR HO GYA HAI AB IN ANKHO ME...
TERE KHUMAR NE BNA RAKHI TASVEER AB IN ANKHO ME..
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KHATAKAR TU HAI YA ME HUIN YE BATA MUJHE TU ZARA...
NA AAYE SAMJH TO DEKH TADAPTI AB IN ANKHO ME...
KHUDA NE FAQAT DIL TUMHI KO NAHI DIYA...
DIL E DARD DIKHEGA MERA BHI TU DEKH AB IN ANKHO ME...
HUIN AGAR ME MUJRIM TERA DE MUJHE TU SAZA...
PER PEHLE ZARA MILA NIGAHE APNI AB IN ANKHO ME...
KHAUF E SAZA NA KAL THA NA AAJ HAI...
PER BEWAFA TERI NAZARE MILTI NI AB IN ANKHO ME...
HAI DIWANGI TERI "SUFIYAN" JO ISHQ E MEHBOOB KI...
DIKHTI BESABAB ZAMANE KO AB IN ANKHO ME...
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