Mudita Agarwal   (mudita)
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https://interestinghindipoem.blogspot.com
Joined 29 June 2019


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28 NOV 2022 AT 20:01

आज सूरज को हरारत है
कहता है ...
चांद की गुस्ताख़
ये हरकत है
देखो ना...
अपने नूर को कुछ इस तरह फैला गया
ठंडी चांदनी में बेपनाह
मुझको नहला गया।
....mudita



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25 OCT 2022 AT 16:56

क्यों ही रोके बहते अल्फाजों को
बहने दे ना....इन बहते जज्बातों को
सरगोशी का आलम है बह जा
दिल की हर दबी बात कह जा
कहना कभी बुरा कभी अच्छा भी है
झूठा भाव मन का कभी सच्चा भी है
बहने दे
बहना ही काम है पानी का
और कहने दे
क्योंकि कहना ही नाम इस कहानी का

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14 AUG 2022 AT 12:00

दिल तक जाए
मतलब ......दिमाग की बत्ती जलाए
और ..अपने होने का मतलब समझाए
कला वो नही जो कुछ भी कह जाए
जिसका मतलब समझ न आए
कला तो ब्रह्म का एक प्रकार होना चाहिए
कलाकार के मन का साक्षात्कार होना चाहिए
वो जो आपको अंदर तक छू जाए
वो जो सुंदरता का भाव दिखाए
वो जिस मे छल न हो
वो जिस का आज कल न हो
वो जो शाश्वता का अनोखा प्रकार हो
वो जो परमानंद का विस्तार हो

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10 AUG 2022 AT 9:17

की हकीकत क्या है
उसकी फितरत
की तबियत क्या है

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25 JUL 2022 AT 12:44

तो कुछ बट जाएगा
दर्द ज़हन का जो है
थोड़ा तो हट जाएगा
कहते है की बाटने से बढ़ता है प्यार
तो कर ले यार चल ...मिलके बातें चार
दिल की हर गिरह खोल दे आज
मन की हर दबी बात बोल दे आज
अपनी जिंदगी का एक पल भी
अब अतीत को नही देना है
जो बीत गया सो बीत गया
अब उस से क्या ही लेना है
असंख्य आशाएं सैकड़ों सपने
साथ तेरे है तेरे अपने
बदल जा ..बदलाव प्रकृति की रीत है
और न जाने तू कितनी आंखो की उम्मीद है..mudita

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22 JUL 2022 AT 22:30

You are not around
But miss you more
When you are around

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22 JUL 2022 AT 22:26

तुम ठीक ही हो
मेरी बर्बाद जिंदगी को
तुम सीख ही हो
होकर भी नही हो
ये अच्छा ही है
इश्क मुकम्मल नही
ये बच्चा ही है
पर कोई न
सीख गए जीना अब
बेइंतहा बेपरवाह पीना अब

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27 FEB 2022 AT 9:07

की आज फुर्सत में है हम
तो सोच रहे है
लेले थोड़ा ...थोड़ा दम
वरना फिरकी से घूमते है
काम के नशे में हर वक्त झूमते है
खुले आसमान तो जैसे बंद हो चुके
आराम के लम्हें.....कबके सो चुके
आज उन आसमानों में एक खिड़की खोल दे
और आराम के लम्हों के कानों में बोल दे
थोड़ी रोशनी मुझे पर डालो
थकी थकी ज़िंदगी को कुछ तो संभालो
क्योंकि आज न कुछ पाना न कुछ खोना है
बस और बस चैन की गोद में
चैन की नींद सोना है

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27 FEB 2022 AT 9:06

की आज फुर्सत में है हम
तो सोच रहे है
लेले थोड़ा ...थोड़ा दम
वरना फिरकी से घूमते है
काम के नशे में हर वक्त झूमते है
खुले आसमान तो जैसे बंद हो चुके
आराम के लम्हें.....कबके सो चुके
आज उन आसमानों में एक खिड़की खोल दे
और आराम के लम्हों के कानों में बोल दे
थोड़ी रोशनी मुझे पर डालो
थकी थकी ज़िंदगी को कुछ तो संभालो
क्योंकि आज न कुछ पाना न कुछ खोना है
बस और बस चैन की गोद में
चैन की नींद सोना है

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17 FEB 2022 AT 5:42

और दूर कही वो मुझसे मिलती है
कहती है
बहुत दिन हुए ...तुझे जाना नहीं
माफ करना मैंने पहचाना नहीं
बीती कितनी बहारे ...तू कभी आया नही
मेरा साथ कभी तुझे भाया नही
अब क्यों आया है
कहां चोट खाया है
कितनी बार मुड़कर मैंने देखा तुझे
पर हर बार ....तूने दूर फेका मुझे
अब और सहने की मुझमें हिम्मत नही
तेरी मेरी शायद एक किस्मत नही — % &

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