میری ہر اک بات سے واقف ہے
وہ میرے سب احوال جانتی ہے
میں اس کی دسترس میں ہوں مگر
وہ مجھے میری رضا سے مانگتی ہے ۔
मेरी हर बात से वाकिफ है,
वो मेरे सब अहवाल जानती है।
मैं उसकी दस्तरस में हूं मगर,
वो मुझे मेरी राज़ा से मांगती है।।-
Smone who spended 26 years on this planet
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शर्म, लिहाज छोड़ो अपना ईमान बेच आई है वो।
कहती फोजी की हूं, दिल किसी ओर के पास लगाने आई है वो।
रूह कांप उठी मैरी, जब समझ आया
जज्बातों के साथ खेलने आई है वो।
दिल मेरा अच्छा था, मदद करना चाहता था
सोच बुरी नहीं थी अपना बनाना चाहती थी।
टूटा नहीं चूर चूर हो गया जब कहा उसने,
जिस्म और रूह उसके हवाले कर,
अपने घाव भरने आई है वो।।
बिना किसी शर्त के मोहब्बत की थी जिस शख्स से मैने
बस आखरी बार जलील करने आई है वो।-
देख चेहरे पर हंसी लिए फिरता हूं,
लोगों को लगता है खुश हूं, पर उदासी लिए फिरता हूं।।
तू मेरी हुआ करती थी ना उस जमाने में,
आज तेरी परछाई अपने दोस्त के कमरे में देखता हूं ।
तू कहती थी ना खुश है तू उसके साथ,
आज तेरी खुशी मैं अपनी चौखट पर देखता हूं।
किस जुल्म की सजा दे रहा है ए खुदा मुझे?
अकेला रहना चाहता था,
आज उसकी कराहट हर रात सुनता हूं।
मेरी बाहों में सुकून पाया करता था जो शख्स,
उसी को अपने दोस्त की बाहों में सुकून पाया देखता हूं।
देख चेहरे पर हंसी लिए फिरता हूं,
लोगों को लगता है खुश हूं, पर उदासी लिए फिरता हूं।।-
गले तक भरा हूं दो अश्क निकालना चाहता हूं,
कोई मिला गले लगाने को तो जी भर रोना चाहता हूं।
तकलीफों के साथ जीना आसान नहीं होता ,
हाथ थाम लेने से वो इंसान खास नहीं होता ।।
ज़िंदगी जीते - जीते इतना सीख गया हूं,
ना जाने क्यों फिर भी इन बेहरूपियों से घिर गया हूं।
दिखावे में अपना बनके लोग ईमान लूट जाते हैं,
खेर कोई बात नहीं, मुदित पल भर में सब भूल जाते हैं।।
सुना था आसान होती है ज़िंदगी जीने को ,
उतने ही कठिन इम्तिहान मिल गए पूरे करने को ।
वक्त दर वक्त उम्मीद घट रहीं थी जिंदा रहने को,
बस इसी उम्मीद का गला घोटना चाहता हूं।
गले तक भरा हूं दो अश्क निकालना चाहता हूं,
कोई मिला गले लगाने को तो जी भर रोना चाहता हूं।।-
जब दुनिया पलटने लगे तुमसे,
घबराना मत होसला रखना,
थोड़ी मेहनत तुम करना, थोड़ी खुदा पर छोड़ना।
हर वक्त तुम्हारा हो जरूरी नहीं ,
हर ख्वाब समय पर पूरा हो जरूरी नहीं ,
इंतजार करना है, बाधाओं से लड़ना है।
मंजिल कभी दूर नहीं थी, बस उसको पकड़ना है।।
मुकम्मल करके अपने ख्वाब को इस दुनिया को दिखाना है,
जो तुम्हारा होगा छोड़ के चला जायेगा,
कुछ नए चरित्रों को अपने से जोड़ना है।
वक्त है मुदित तेरा भी आएगा ,
खुश रहना है और खुश रखना है।।-
एक सवाल उस शक्स ने पेश किया ,
क्या हरकतें करना जरूरी है तुझे?
दिमाग मेरा हिल सा गया,
कुछ वक्त का सब्र किया।।
सोचा, किन हैवानों की साथ रहना पड़ रहा है मुझे?
दोस्ती में जिस्म का खिलवाड़ आता ही नहीं मुझे।।
शब्द ही सहारा है और,
संघर्ष खुद को कुछ बनाने का मुझे ।
कुछ अलग सा बनना था और,
क्या बना दिया मुझे ।।-
तो हुआ यूं कि बातें हुई,
बातों से फिर मुलाकातें हुई।
चाहने वाले यार बहुत हैं उनके,
और किस्मत हमारी यूं रूठी हुई।।
संघर्षों का जमाना चल रहा है,
सूई भी घड़ी की रूकी हुई।
एतबार वक्त के साथ है ,
उसकी यादों में नैया डूबती हुई।।
सोच मुदित उस क्षण को जिसमें,
वो तेरी होकर भी न कभी तेरी हुई ।-
खयालों में खोया हूं उसके
यादें भी तरस रही एक आहट को
बातों में खो जाना हैं उसकी
तकदीर बिखरी हुई गुमनाम करने को
पलकों पर रखना क्या इतना मुश्किल हुआ उसको
खायालों ने रोका कलम मजबूर हुई टूटने को
इश्क है जनाब ऐसा ही होता है
वो मुस्कुरा के चल दी
किसी और का हाथ थामने को
देखा मैंने अश्कों की चादर से चमकी हुई थी आंखें उसकी
थम से गए कदम मेरे उस मंजिल को पाने को-
मैं किसी और की हूँ! इतना बता कर रोयी,
वो मुझे मेहंदी लगे हाथ दिखा कर रोयी।।
और इसमें कसूर मेरा नहीं है, कुदरत का फ़ैसला है,
लिपट के वो मुझसे वो इतना बता कर रोयी।
मुझपे एक कर्ब का तूफ़ान हो गया ,
जब मेरे सामने वो ख़त मेरा जला कर रोयी।।
मेरी नफ़रत और अदावत पिघल गई पल में,
वो बेवफ़ा है तो क्यूँ मुझको रुला कर रोयी।
सब शिकवे मेरे एक पल में बह गए दोस्त,
झील सी आँखों में जब अश्क सजा कर रोयी।
मैं किसी और की हूँ! इतना बता कर रोयी-
यह चांद देखकर तुम बहुत याद आती हो,
कैसे तुम इस दिल को इतनी भाती हो ?
होश खोया था पहली बार तुम्हें देखकर मैंने
कैसे तुम इस दिल को समझ न पाती हो?
याद है तुम्हारी क्या करूं ?
मुझको अब भी तुम ही क्यों याद आती हो ?
सवाल पूछता हूं खुद से मैं,
तुम हर पहर क्यूं मेरे खयालों में आती हो?
तुम नहीं हो जिंदगी में मेरी जनता हूं मैं,
फिर भी हर वक्त क्यूं तुम ही नजर आती हो?
अरे अगर आना है तो हमेशा को आजाओ,
यू आते जाते इस दिल को ना सताओ,
मेरी आंखों में हर बार अपनी तस्वीर ना बनाओ,
खयालों से तुम्हारे इस दिल को ना धड़काओ,
ना जाने क्यूं तुम हर बार मेरी सांसों की धुन छेड़ जाती हो,
सारी दुनिया भूल कर क्यूं तुम ही नज़र आती हो,
ये आने जाने से क्यूं तुम मुझे इतना तड़पती हो ?
ना जाने क्यूं,
यह चांद देखकर तुम बहुत याद आती हो,
कैसे तुम इस दिल को इतनी भाती हो ?-