मोहब्बत की कहानियाँ कुछ ऐसा घोला करते थे,
हम तेरे गुलाब को तकिये संग भिगोया करते थे...!-
Movie Critic
Lyricist
Author
Illustrator
Dreamer
Socio Activist
Art in Heart
मोहब्बत की कहानियाँ कुछ ऐसा घोला करते थे,
हम तेरे गुलाब को तकिये संग भिगोया करते थे...!-
एक खत पढ़ना है उस गुलमोहर की छांव में,
टिमटिमाती तितलियो के बीच,
तुम्हारी साज सी उंगलियों से,
लिखे गये ख्यालों के इबादत का ...!-
प्यार क्या है ?
तुम्हारी जिंदगी के हरेक पन्ने
पर बिखेरता मैं हसीन रंग...!-
ख्यालों का कोहरा...ख्वाबों की धुंध
गर्म सी साँसें... और छुअन सी तुम-
अजी...मन्नत के धागों सी है मोहब्बत हमारी,
हर लम्हा तुमसे लिपट कर
महफ़ूज रखती है तुम्हे ...!-
एक पुरानी तस्वीर जिसमे तुमने बिंदी लगायी है,
अक्सर ...मैं उसे रात में चाँद समझ लेता हूँ...!-