जिस्म उठा लिया था लोगों ने
ग़ज़ाली - पड़ा - रहा रस्ते - पे-
Islamic & Non Islamic Researcher & Inspection Officer & ... read more
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⚘ फक़ीर-ए-क़ादरी मलंग-ए-रज़ा मुआवीया ज़फ़र ग़ज़ाली मुस्ताफ़ाई का कहना है की जब ख़ल्क़-ए-ख़ुदा तबाह हो तो उन्हे हुकूमरान दुरुस्त करते हैं और जब हुकूमरान तबाह हों तो उन्हे उलमा-ए-इकराम दुरुस्त करते हैं और जब उलमा-ए-इकराम तबाह हों तो उन्हे सूफिया-ए-इकराम दुरुस्त करते हैं क्योंकि अल्लाह रब्बुलइज़्ज़त तमाम ख़ल्क़-ए-ख़ुदा को दुरुस्त करने का ज़िम्मा सूफिया-ए-इकराम को दिया है॥-
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⚘ फक़ीर-ए-क़ादरी मलंग-ए-रज़ा मुआवीया ज़फ़र ग़ज़ाली मुस्ताफ़ाई का कहना है की तहाज्जुद अदा करने वाले लोगो के लिए कायनात में गैब से करामातें उतारी जाती हैं॥-
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⚘ फक़ीर-ए-क़ादरी मलंग-ए-रज़ा मुआवीया ज़फ़र ग़ज़ाली मुस्ताफ़ाई का कहना है की अल्लाह रब्बुलइज़्ज़त से हिदायत की दुआ मांगा करो क्योंकि हिदायत सिर्फ मांगने वालो की मिलती है॥-
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⚘ फक़ीर-ए-क़ादरी मलंग-ए-रज़ा मुआवीया ज़फ़र ग़ज़ाली मुस्ताफ़ाई का कहना है की परेशान हाल शख़्स को तस्सली और मशवरा तो सभी दे सकते हैं मगर मुसलमान तो वही है जो फ़क्त तसल्ली ना दे बल्कि परेशान हाल शख़्स की ख़िदमत करें और उसकी परेशानी में उसके साथ खड़ा रहे॥-
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⚘ फक़ीर-ए-क़ादरी मलंग-ए-रज़ा मुआवीया ज़फ़र ग़ज़ाली मुस्ताफ़ाई का कहना है की ये जो दुनिया भर में मुसलमानों के लिए नफरतें पैदा हो रही हैं इन सब नफ़रतो को ख़ुद मुसलमानों के अलावा कोई ख़त्म नही कर सकता है लिहाज़ा मुसलमानों को चाहिए की वों बयान कम और अमल ज़्यादा करें ॥-
शाह वहाबी का यहां पैसा बोलता है,
हश्र में देखेंगें उसका क्या बोलता है॥-
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⚘ फक़ीर-ए-क़ादरी मलंग-ए-रज़ा मुआवीया ज़फ़र ग़ज़ाली मुस्ताफ़ाई का कहना है की कैंची की धार तेज़ होती है लेकिन वो पेड़ नही काट सकती कुल्हाड़ी मज़बूत होती है मगर वो बाल नही काट सकती इसी मिस्ल हर इंसान अपनी क़ाबिलियत के मुताबिक़ ही क़ाबिल होता है लिहाज़ा कोई इंसान किसी दूसरे इंसान से अपनी मवाज़ना यानी तुलना ना करें क्योंकि ऐसा करने का अंजाम फ़क्त बर्बादी है॥-
- फ़कीर-ए-क़ादरी मलंग-ए-रज़ा मुआवीया ज़फ़र ग़ज़ाली मुस्ताफ़ाई अमरोहिवी का कहना है की कोई मिलाद-ए-मुस्तफाﷺ का तब्बरूक नही खाता तो कोई उर्से-ए-पाक का लंगर नही खाता लेकिन हराम की कमाई और यतीम वा गरीब का माल ज़्यादातर सारे ही खा लेते हैं॥
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- फक़ीर-ए-क़ादरी मलंग-ए-रज़ा मुआवीया ज़फ़र ग़ज़ाली मुस्ताफ़ाई का कहना है की अल्लाह रब्बुलइज़्ज़त ने खिंज़ीर से ज़्यादा नापाक किसी को पैदा नही किया लेकिन वो शख़्स खिंज़ीर से भी ज़्यादा नापाक है जो आप सैय्यदउल मुरसलीन वल अव्वालीन वल आख़िरीन कासिम-ए-रिज़्कअल्लाह आकाओं मौला हुज़ूर मुहम्मदुर्रसूलुअल्लाह सल्लल्लाहो ताआला अलैहि वसल्लमﷺ से बुग्ज़ रखे॥
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