आज दूर-दूर तक नाम नहीं
किसी दिन अखबार के प्रथम पृष्ठ पर हम ही छाएंगे
आज कोई बात करने को तैयार नहीं
किसी दिन दूरदर्शन पर पूरी दुनिया से बतलाएंगे
सफ़र में बढ़ने के लिए जो दिए दर्द
वह सब छुपाने होंगे , वो हम छिप आएंगे
धाव गहरे हुए कोई नहीं
खुशियों की भभूत से भरवाएंगे
जिंदगी की प्याली चमकी नहीं तो
इसे खुद चमकाएगे
पर एक बात याद रखना
इतिहास लिखने का वक्त नहीं, उसे लिखेंगे नहीं
उसे तो हम अपने नाम से लिखवाएगे
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