Mrityunjay Tripathi   (मृत्युंजय त्रिपाठी)
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Journalist
Joined 7 March 2017


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Joined 7 March 2017
16 JUL 2022 AT 1:34

सुनो,
याद आ रही है तुम्हारी,
काश, तुम्हीं आ जाती!

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15 JUL 2022 AT 4:00

पूरी होने को है,
मेरी 1000 शायरी,
हमने उससे 1000वीं बार किया है,
लिखित में इश्क़!

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15 JUL 2022 AT 3:52

वह चाहती है,
मैं उसके साथ जगूँ रातों में
जुगनू की तरह...
मगर वो कहती है,
सो जाओ, जगे क्यूँ हो?

वह क्या है ना!
वह चाहती तो है कि हम जगें,
मगर उसके कहने पर नहीं!
खुद से... जैसे वो जागती है हमारे साथ।

हम जगे रहते हैं,
औ वह खुश दिखती है,
कि मैंने वो नहीं किया,
जो उसने कहा मुझसे,
मैंने वो किया,
जो वो चाहती है!

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15 JUL 2022 AT 3:41

सुनो!
ज़िन्दगी को भी जीने के लिए चाहिए ज़िन्दगी,
क्या तुन्हें पता है?
अच्छा तो यही बता दो,
वो जो धड़कता है तुम्हारे भीतर,
वो दिल किसका है!



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15 JUL 2022 AT 3:35

मोहब्बत तो हो चुकी है उससे,
मगर वो चाहती है बार-बार हो,
हां, वो चाहती है
उससे मोहब्बत करना,
मेरी आदत हो जाए!

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14 JUL 2022 AT 19:12

वह अक्सर परेशान रहती है,
क्या बताऊँ,
वह मेरे साथ नहीं रहती है ना...!

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13 JUL 2022 AT 16:12

मैं तड़पता हूँ उसके लिए ऐसे,
कस्तूरी के लिए जैसे हिरण भटकता है!

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13 JUL 2022 AT 5:49

उसे पाते ही सुकून से सो जाता हूँ
बाद उसके, उसके साथ जग नहीं पाया,
यह सोचकर पछताता हूँ।
चाहता हूँ कि साथ उसके जागूँ भी और सोऊँ भी,
मैं भी अजीब हूँ न,
एक ही साथ सोना और जगना चाहता हूँ।

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8 JUL 2022 AT 11:50

आज सांसें थम गई थी,
जब न था उससे बात करने का कोई जरिया!

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7 JUL 2022 AT 14:45

वह कभी उदास न हो,
बस इत्ती सी मेरी चाहत है!
तकदीर मगर ऐसी,
वह उदास है
और वजह हम हैं!

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