सुनो,
याद आ रही है तुम्हारी,
काश, तुम्हीं आ जाती!-
पूरी होने को है,
मेरी 1000 शायरी,
हमने उससे 1000वीं बार किया है,
लिखित में इश्क़!-
वह चाहती है,
मैं उसके साथ जगूँ रातों में
जुगनू की तरह...
मगर वो कहती है,
सो जाओ, जगे क्यूँ हो?
वह क्या है ना!
वह चाहती तो है कि हम जगें,
मगर उसके कहने पर नहीं!
खुद से... जैसे वो जागती है हमारे साथ।
हम जगे रहते हैं,
औ वह खुश दिखती है,
कि मैंने वो नहीं किया,
जो उसने कहा मुझसे,
मैंने वो किया,
जो वो चाहती है!-
सुनो!
ज़िन्दगी को भी जीने के लिए चाहिए ज़िन्दगी,
क्या तुन्हें पता है?
अच्छा तो यही बता दो,
वो जो धड़कता है तुम्हारे भीतर,
वो दिल किसका है!
-
मोहब्बत तो हो चुकी है उससे,
मगर वो चाहती है बार-बार हो,
हां, वो चाहती है
उससे मोहब्बत करना,
मेरी आदत हो जाए!-
वह अक्सर परेशान रहती है,
क्या बताऊँ,
वह मेरे साथ नहीं रहती है ना...!-
मैं तड़पता हूँ उसके लिए ऐसे,
कस्तूरी के लिए जैसे हिरण भटकता है!-
उसे पाते ही सुकून से सो जाता हूँ
बाद उसके, उसके साथ जग नहीं पाया,
यह सोचकर पछताता हूँ।
चाहता हूँ कि साथ उसके जागूँ भी और सोऊँ भी,
मैं भी अजीब हूँ न,
एक ही साथ सोना और जगना चाहता हूँ।-
वह कभी उदास न हो,
बस इत्ती सी मेरी चाहत है!
तकदीर मगर ऐसी,
वह उदास है
और वजह हम हैं!-