इतना सा ही है संसार
सबसे पहले मेरे घर अंडे जैसा था आकार तब मै यही समझती थी बस इतना सा ही है संसार l
फिर मेरा घर बना घोसला सूखे तीनको से तैयार तब मै यही समझती थी बस इतना सा ही है संसार l
फिर मै निकल गई शाखो पर हरि भरी थी जो सुकुमार तब यही समझती थी बस इतना सा ही है संसार l
आखिर जब मै आसमान में उड़ी दूर तक पंख पसार तभी समझ में मेरी आया बहुत बड़ा यह संसार l- Mritunjay kumar
25 APR 2019 AT 9:17