Mritunjay Gaurav   (Gaurav)
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Joined 28 January 2019


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Joined 28 January 2019
24 DEC 2024 AT 5:28

ग़म है, उस वक्त चूक गया,
मगर सुकून है आखिर तुम मिल ही गईं।

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22 JAN 2024 AT 19:26

"मेरे लिए कोई विकल्प नहीं है; यही बात मुझे पुरुष बनाती है।"

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21 JAN 2024 AT 19:49

"कुछ पाकर हर कोई मुस्कुराता है, लेकिन बहुत कुछ खोकर भी मुस्कुराना, यही पुरुषत्व की पहचान है।"

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19 JAN 2024 AT 7:37

"हम किसी के साथ बहाना नहीं बनते है; यही हमें पुरुष बनाता है।"

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16 JAN 2024 AT 22:49

बंदा-ए-आज़ाद, तेरी आरज़ू में खो गया,
इश्क़ की इंतिहा चाहता हूँ, ये दिल सो गया।

एक महीने में क्या ही जान पाओगे, दिल के राज़,
एक झलक को तरसता है, नन्हें प्यार के पंख आज।

माना, तेरी दीद के क़ाबिल नहीं,
लेकिन इस दिल की गहराई में जो बात है, वो भी तो सुनो।

पहले प्यार की याद तो, सदियों तक रहती है,
जब प्यार के पंख टूटते हैं, तो दिल में दर्द सहती है।

माना, मैं उस मकाम तक नहीं पहुँचा,
जहाँ तेरी दीद का हक़दार बन सकूँ,
लेकिन मेरी आरज़ू, मेरी फ़रियाद,
तेरे दिल तक पहुँचाने का एक इकरार बन सकूँ।

फ़रियाद है ये मेरी, ना समझो इसे शिकायत,
पहला प्यार, जो आखिरी सांस तक याद रहेगा,
नन्हें प्यार के पंखों का दर्द, हमेशा दिल में बहेगा।

वजह तो बता, इस दर्द का,
ताकि मिल सके कुछ शांति की मंजिल।

दिल की बस्ती वाकई अजीब होती है,
केवल शरीफ़ दिल वालों को ही, ये तरसती है।

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28 SEP 2023 AT 22:55

ख़त्म हुई कॉलेज की यात्रा,
निकल नहीं पा रहा तेरे हर दर्द के आगे।

मेरा भी ख्वाब था डिग्री के साथ जॉब देखना,
फॉर्म निकलती नहीं TET के आगे।

उम्र ढल रही, ताने सुन कर जी रहा हूँ,
असमंजस में पड़ा हूँ करू क्या अब आगे।

PRT ने किया बाहर,अब सब्जेक्ट कॉम्बिनेशन से कैसे निकलूं आगे,
अपनी बर्बादी का दर्द सुनाओ किसके आगे।

संघर्ष की राहों पर, चल रहा जीवन का सफर,
हर कदम पर नई उड़ान, हर रोज़ नई किरनें हैं आगे।

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5 AUG 2023 AT 15:49

गांव की सांत लड़के क्यों छिपे रहते हो अपने माँ के आँचल सेें?
कब तक खुद को साझा करते रहोगे, मतलबी दुनिया से?

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28 MAR 2023 AT 22:05

टॉक्सिक रिश्तों में क्यों पड़ते हैं लोग,
जो संभवतः उन्हें खुश नहीं रख सकती है
आखिरी बॉयफ्रेंड से क्या मिलता है,
जो उसके बिना रह नहीं सकती है?

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26 MAR 2023 AT 12:54

ब्रेकअप से वो उसके लिए बेबस थी,
खुद को समझाती थी,
मुझसे अपनी दिल की बातें बताती थी।
मैंने दिया था उसे प्राथमिकता,
उसे वो नहीं समझ पाई हमारी दोस्ती
दोस्ती और प्यार की जंग में,
उस लड़की से हारती ही रही हमारी दोस्ती ।
जब उसे जरूरत थी, मैं उसके साथ था,
उसके दर्द को दूर करने का हौसला दिखाया।
बहुत दिलचस्प रिश्ते थे,
भरोसा खोए हैं,
वो खामोश रही, नहीं कही कुछ,
बड़े ही सभ्य तरीके से निकल गई,
मेरी आत्म सम्मान नहीं है कुछ?

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24 MAR 2023 AT 11:25

दोस्त थे हम दोनों,
लेकिन दिल को न जाने क्या हुआ,
क्यों रोया मैं पूरी रात,
जब उसने छोड़ दिया मेरे साथ।
बातें कम होने लगीं,
बुरा लगना बढ़ता जा रहा था।
मेरी गलती क्या थी,
मैं यह समझ नहीं पा रहा था।
ये कोई अंत नहीं है,
जीवन भर के लिए दोस्त नहीं होते हैं,
वे खुश रहें, जहां भी हैं, मैं उनके साथ हूं,
और मेरी दोस्ती हमेशा रहेगी बनी हुई।

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