Mradul Kumar  
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Joined 25 May 2019


Joined 25 May 2019
18 FEB 2022 AT 10:35

मैं हमेशा सब को चुभता रहूं,
मैं कोई अर्क़ तो नही...!
जितना बुरा बताया गया हूं,
उतना मैं बुरा तो नहीं...!!

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26 OCT 2021 AT 23:28

मैं भीगना चाहूं तेरे संग,चाहे हो वो पहली या आख़िरी बरसात.....
और
सोना चाहूं तेरी गोद मे सिर सर रखकर,
चाहे हो वो पहली या आख़िरी रात....!!!

AlOnE_sOuL

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26 OCT 2021 AT 23:09

राह-ए-मुहब्बत में बहुत से,
अर्क पड़े थे...!!
और
बड़े ताज्जुब की बात है,
वो चुभ बस मुझे रहे थे..!!!

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25 OCT 2021 AT 21:51

नही रहा कोई,हमजबा मेरा...!!!
जिससे हम कुछ,कह सके...!!!

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24 OCT 2021 AT 22:29

इश्क़ का खेल भी बड़ा,
अजीब है.....
पहले दिल ले लेती है,
और फिर जान भीख में देती है....!!!!

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23 OCT 2021 AT 21:58

उनका साथ था तो, ख़्वाब थे मेरे।
जैसे ही वो मुझसे रुख मोड़ गए है,
तो अब,,,
ख़्वाबों का दफ़न होना जरूरी है।।

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22 OCT 2021 AT 22:51

काश मैं भी उसको भूल सकता,
उसकी यादों को मिटा सकता,
उन सभी पलों को भूल सकता,
काश मैं भी सब कुछ छोड़ सकता।।।
उनका ये वर्ताव अच्छा नही लगता,
जब वो अपने है ही नहीं तो,
उसका बुरा क्यों है लगता.?
आखिर क्यों...?? आख़िर क्यों...??

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21 OCT 2021 AT 23:49

दुआओं को लगी नजर है,

जनाजा भी निकला मेरा
और खुशी भी न मिली उसे.....

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20 OCT 2021 AT 22:26

तुम मेरे हिस्से में नही हो ,
तो क्या हम मर जाएंगे।
हां शायद यही सही है,
जो हम सबको अलविदा कह जाएंगे।।
तुमसे तुम्हारे सारे गम दूर कर जाएंगे,
और अपनी सारी खुशियाँ तुम्हारे नाम कर जाएंगे,
अब हम तुम्हारे बिना रह ही नहीं पायेंगे,
तो यही सही है ना हम सबको अलविदा कह जाएंगे..
हमने ख्वाबों में सजाये थे अपने महल,
मगर उसे तुम रखना तो चाहते हो,
रहना नही।।।
अब हम अकेले न जी पायेंगे ,
तो यही सही है न हम सबको अलविदा कह जायेंगे।।।
तुम्हारी राह देखते देखते पथरा गई मेरी आँखें,
मगर तुम कहीं नजर ही न आये।।
मेरी आँखें भी चली है आखिरी नींद सोने को,
आ जाओ अब तो मेरा हाल-ए-दिल पूछने को।।
पता है मुहे तुम नही आओगे,
न ही मैं तेरा इंतज़ार कर पाऊं और न ही सब्र कर पाऊं,
तो अब यही सही है न कि मैं अलविदा कह जाऊं।।।।।

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20 OCT 2021 AT 21:17

ख़्वाबों की दुनियां भी,
बड़ी अजीब होती है- जनाब

ख़्वाब पूरे न हो तो दिल,
टूट जाता है।
और पूरे हो जाये तो आंखों,
से ख़्वाब छूट जाते है।

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