निगाहों में आकर निगाह चुराना अच्छा लगा,
आंखों आंखों का ये रिश्ता पुराना अच्छा लगा।
कुछ देर उलझाए रखा तेरी जुल्फ के बादल ने,
नज़र गई जब चहरे पर तेरा मुस्कुराना अच्छा लगा।।
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MH 04 MUMBAI 🌍
D O B 🔥 20 - 04 -1999 💞
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हर एक हादसा मेरी मौजूदगी में हुआ,
मेरा ही जी ना बहला मेरी कहानी से।
सिर्फ़ कुछ देर सुकून मिलता है साहब,
प्यास बुझाई नहीं जाती अब पानी से।।-
जब कोई रिश्ता जज्बातों के बुनियाद पर हो,
फिर उसे किसी अल्फाजों में जताया नही जाता।
जो ख़ास होगा, वो समझेगा निगाहों कि ज़ुबान को,
फिर उन्हें "दिल-ए-हाल" बताया नही जाता।।-
दिल का शौक है, खुद को तेरे साथ सवारना चाहता है,
इस क़दर इश्क़ हुआ की तुझे खुद में उतारना चाहता है।
जो तू समझे तो मेरी बातों से ही तुझे इश्क़ हो जाए,
गर तुझे इश्क़ न हो तो बस एक रोज ए मरना चाहता है।।-
वो पास बैठे तो हर रिश्ता नाकाम लगता हैं,
सिर्फ उसका दिल ही मेरा मकाम लगता हैं!!-
"तिजारत ए- इश्क़" ने हमें डुबाने की कोशिशें की,
उसके दिल में हमारे लिए अनचाही ख्वाहिशें थी,
वो तो हम थे जो खुद को बचा लाए नुकसान से,
वरना हमारे पास भी उसके खिलाफ़ तमाम रंजिशें थी।-
बिछड़ गए हम, ये भी एक नुक्ता है
तू इश्क है मेरा, ये सबूत पुख्ता है
Bichhad gaye ham, ye bhi ek Nukta hai
Tu ishq hai mera, ye saboot Pukhta hai-
उसकी बातें खुश्बू की तरह लगने लगी,
उसे चाहने की चाहत दिल में उतरने लगी!
पहले हर पल सिर्फ़ उसकी याद ही आया करती,
अब तो उसकी सूरत भी ज़हन में उतरने लगी!!-
दिन तो काफ़ी गुज़रे
बस तेरे साथ गुजारे पलों को गिना नही हमनें,
आए तमाम रंग अपनी चाहतें लिए
एक तेरे अलावा किसी को चुना नही हमनें।।-
जो तू गया तो ये दिल किसी का ना होगा,
ना तेरी तरह कोई हुआ ना ही कोई होगा !
ना मुझे तेरी तरह किसी और की जरूरत है,
जो इस दिल में तस्वीर है वो तेरी सूरत है !!-